भगवान कार्तिकेय, जिन्हें दक्षिण भारत में मुरुगन, स्कंद या सुब्रह्मण्य के नाम से जाना जाता है, शिव और पार्वती के पुत्र हैं। वे युद्ध के देवता माने जाते हैं और विशेष रूप से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इनकी पूजा अत्यंत श्रद्धा से होती है। कार्तिकेय की उपासना शक्ति, साहस और विजय की प्राप्ति के लिए की जाती है। आइए जानते हैं भारत के 10 प्रमुख मुरुगन मंदिरों के बारे में:
1. पलानी मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
अरुपडई वीडु (भगवान मुरुगन के छह प्रमुख मंदिरों) में सबसे प्रसिद्ध। पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर भगवान मुरुगन के उपवास रूप को समर्पित है।
2. स्वामी मलई मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
यह मंदिर वह स्थान है जहां भगवान मुरुगन ने अपने पिता शिव को 'प्रणव मंत्र' का ज्ञान दिया था। यह मंदिर कुंभकोणम के पास स्थित है।
3. थिरुचेंदूर मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
समुद्र के किनारे स्थित यह मंदिर मुरुगन के राक्षस सुरपद्म पर विजय का प्रतीक है। दीपम और स्कंद षष्ठी पर यहां विशेष उत्सव होते हैं।
4. थिरुपरनकुंद्रम मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
यह वह स्थान है जहां मुरुगन ने इंद्र की पुत्री देवसेना से विवाह किया था। यह मदुरै के पास स्थित है और पहाड़ी गुफा मंदिर है।
5. थिरुत्ताणी मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
चेन्नई के पास स्थित यह मंदिर भगवान मुरुगन के शांत और गृहस्थ रूप का प्रतीक है। नवविवाहित जोड़े यहां आशीर्वाद लेने आते हैं।
6. पझमुदिरचोलै मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
यह मंदिर मदुरै के पास एक पहाड़ी पर स्थित है और भगवान के ज्ञानस्वरूप को समर्पित है। यह भी अरुपडई वीडु में गिना जाता है।
7. सुब्रह्मण्य मंदिर, कुक्के (कर्नाटक)
यह मंदिर नाग पूजा और मुरुगन भक्ति का अद्भुत संगम है। यहां ‘सरपा दोष’ निवारण के लिए विशेष पूजा होती है।
8. मलयट्टूर मुरुगन मंदिर (केरल)
केरल के एर्नाकुलम जिले में स्थित यह मंदिर ईसा मसीह के अनुयायियों के साथ-साथ मुरुगन भक्तों का भी केंद्र है।
9. मारुधमलाई मुरुगन मंदिर (तमिलनाडु)
कोयंबटूर के पास स्थित यह पहाड़ी मंदिर आयुर्वेद और सिद्ध चिकित्सा के साथ जुड़ा हुआ है।
10. वडपालानी मुरुगन मंदिर, चेन्नई (तमिलनाडु)
शहर के मध्य में स्थित यह मंदिर शहरी भक्तों के लिए प्रमुख आराधना स्थल है। यहां विवाह और परीक्षा पूर्व पूजा विशेष रूप से की जाती है।
सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि गणपति बप्पा की पूजा करने से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं। इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।
इस बार नए साल के पहले हफ्ते में कई व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं। इस बार नए साल की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना अधिक शुभ रहेगा।
स्कंद षष्ठी हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है।