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1 से 7 जनवरी तक के व्रत और त्योहार

1 से 7 जनवरी तक के व्रत और त्योहार

नए साल के पहले सप्ताह में मनाए जाएंगे ये व्रत और त्योहार


इस बार नए साल के पहले हफ्ते में कई व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं। इस बार नए साल की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना अधिक शुभ रहेगा। त्योहारों और व्रतों के लिहाज से साल का पहला हफ्ता बहुत खास रहने वाला है। नए साल के पहले सप्ताह में सोमवती अमावस्या, विनायक चतुर्थी सहित कई व्रत रखें जाएंगे। चलिए जानते हैं 01 जनवरी से लेकर 07 जनवरी तक मनाए जाने वाले व्रत-त्योहारों के नाम और डेट। 


श्री गणेश चतुर्थी व्रत (3 जनवरी, शुक्रवार)


सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी महत्वपूर्ण व्रत में से एक माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल पौष महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक श्री गणेश चतुर्थी व्रत मनाया जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 03 जनवरी को देर रात 01 बजकर 08 मिनट पर होगा और समापन 03 जनवरी को रात 11 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में 03 जनवरी को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।  


अन्नरूपा षष्ठी, 5 जनवरी 2025, रविवार 


पौष मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को अन्नरूपा षष्ठी व्रत किया जाता है। यह व्रत बंगाल में विशेषतौर पर मनाया जाता है।  माता अन्नपूर्णा को समर्पित यह दिन काफी शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अन्नरूपा षष्ठी व्रत करने से घर में धन धान्य की कमी नहीं होती है और माता अन्नरूपा का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। 


गुरु गोबिंद सिंह जयंती, 6 जनवरी 2025, सोमवार 


सिखों के 10वें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह की जयंती हर साल बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। नए साल में उनकी जयंती 6 जनवरी को मनाई जाएगी। उनकी जयंती को गुरु गोबिंद सिंह प्रकाश पर्व भी कहते हैं। इस दिन सिख समुदाय गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन, लंगर और अरदास का आयोजन करता है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिख धर्म के लिए कई नियम बनाए, जिसका पालन आज भी किया जाता है। बता दें कि गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती नानकशाही कैलेंडर के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष पौष माह की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 05 जनवरी को रात में 08 बजकर 15 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 06 जनवरी को दोपहर में 06 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में 06 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जाएगी।


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सीता नवमी 2025 कब है

सीता नवमी एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जो माता सीता के जन्म की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर पड़ता है। इस दिन माता सीता की विशेष पूजा करने और व्रत रखने का खास महत्व होता है।

सीता नवमी 2025 के उपाय

सीता नवमी का दिन माता सीता के जन्म की खुशी में मनाया जाता है, जो वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पड़ता है। इस दिन देवी सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और स्थायित्व आता है।

सीता नवमी की व्रत कथा

सीता नवमी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो माता सीता के प्राकट्य के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं।

बगलामुखी जयंती 2025 कब है

बगलामुखी जयंती वैशाख शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है, जो देवी बगलामुखी को समर्पित है। वह दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी हैं और श्री कुल से संबंधित हैं। देवी बगलामुखी को पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। उनकी साधना से स्तंभन की सिद्धि प्राप्त होती है और शत्रुओं को नियंत्रित किया जा सकता है।

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