इस बार नए साल के पहले हफ्ते में कई व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं। इस बार नए साल की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना अधिक शुभ रहेगा। त्योहारों और व्रतों के लिहाज से साल का पहला हफ्ता बहुत खास रहने वाला है। नए साल के पहले सप्ताह में सोमवती अमावस्या, विनायक चतुर्थी सहित कई व्रत रखें जाएंगे। चलिए जानते हैं 01 जनवरी से लेकर 07 जनवरी तक मनाए जाने वाले व्रत-त्योहारों के नाम और डेट।
सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी महत्वपूर्ण व्रत में से एक माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल पौष महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक श्री गणेश चतुर्थी व्रत मनाया जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 03 जनवरी को देर रात 01 बजकर 08 मिनट पर होगा और समापन 03 जनवरी को रात 11 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में 03 जनवरी को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।
पौष मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को अन्नरूपा षष्ठी व्रत किया जाता है। यह व्रत बंगाल में विशेषतौर पर मनाया जाता है। माता अन्नपूर्णा को समर्पित यह दिन काफी शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अन्नरूपा षष्ठी व्रत करने से घर में धन धान्य की कमी नहीं होती है और माता अन्नरूपा का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
सिखों के 10वें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह की जयंती हर साल बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। नए साल में उनकी जयंती 6 जनवरी को मनाई जाएगी। उनकी जयंती को गुरु गोबिंद सिंह प्रकाश पर्व भी कहते हैं। इस दिन सिख समुदाय गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन, लंगर और अरदास का आयोजन करता है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिख धर्म के लिए कई नियम बनाए, जिसका पालन आज भी किया जाता है। बता दें कि गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती नानकशाही कैलेंडर के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष पौष माह की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 05 जनवरी को रात में 08 बजकर 15 मिनट से होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 06 जनवरी को दोपहर में 06 बजकर 23 मिनट पर होगा। ऐसे में 06 जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जाएगी।
अक्सर आपने लोगों को ऐसा कहते सुना होगा कि अगर शनिदेव अपने भक्त से प्रसन्न हो जाए तो वे उसके सारे कष्टों को हर लेते हैं। साथ ही उनके सभी बिगड़े हुए काम बनने लग जाते हैं।
सनातन धर्म में रविवार के दिन सूर्य देवता की पूजा का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। ज्योतिषों के अनुसार भगवान सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है।
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, खासकर जब यह तिथि वैशाख माह में आती है। वैशाख अमावस्या को पितृ दोष के निवारण के लिए अत्यंत शुभ समय माना गया है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख अमावस्या वैशाख मास की अंतिम तिथि है, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। यह दिन पितरों की शांति, पितृ दोष के निवारण, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए बेहद लाभदायक तिथि माना जाता है।