भगवान श्रीराम भारत की आत्मा और सांस्कृतिक पहचान का आधार हैं। उनकी जीवनगाथा केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि मर्यादा, त्याग और कर्तव्यनिष्ठा की प्रेरणा भी देती है। भारतवर्ष के कोने-कोने में राम मंदिरों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि श्रीराम जन-जन के आराध्य हैं। अयोध्या, रामेश्वरम, जम्मू, केरल से लेकर भुवनेश्वर तक राम के विविध रूपों और मंदिरों की स्थापत्य भव्यता, ऐतिहासिक महत्व और धार्मिक अनुष्ठान हर श्रद्धालु को भावविभोर कर देते हैं। यह लेख देश के 10 प्रमुख राम मंदिरों का परिचय कराता है, जो न केवल तीर्थ हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर के जीवंत प्रतीक भी हैं।
1. राम मंदिर, अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
राम जन्मभूमि पर बना यह भव्य मंदिर 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा के साथ जनता के लिए खोला गया। मंदिर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुलता है। इसकी तीन मुख्य आरतियां होती हैं, मंगल, भोग और संध्या आरती। यह मंदिर त्रेतायुग की आस्था को आधुनिक भारत में जोड़ने वाला सेतु बन चुका है।
2. राजा राम मंदिर, ओरछा (मध्य प्रदेश)
ओरछा किले परिसर में स्थित यह मंदिर 16वीं शताब्दी में बना था, जहां भगवान राम को 'राजा' के रूप में पूजा जाता है। यह मंदिर सुबह 8 बजे से दोपहर 12:30 तक और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक खुलता है। यहां हर दिन राजसी शान से आरती होती है और शाम को गन सैल्यूट की परंपरा निभाई जाती है।
3. श्री सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर, भद्राचलम (तेलंगाना)
गोदावरी नदी के तट पर स्थित यह मंदिर 17वीं शताब्दी में भक्त रामदासु द्वारा बनवाया गया। इसे 'दक्षिण की अयोध्या' कहा जाता है। मंदिर सुबह 4:30 से दोपहर 1 बजे तक और शाम 3 से रात 9 बजे तक खुला रहता है। यहां सीता-राम विवाह उत्सव और ब्रह्मोत्सव बड़े स्तर पर मनाए जाते हैं।
4. रामानाथस्वामी मंदिर, रामेश्वरम (तमिलनाडु)
चारधाम में शामिल यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है लेकिन इसकी कथा रामायण से जुड़ी है। यहां श्रीराम ने लंका विजय के बाद शिवलिंग स्थापित किया था। मंदिर सुबह 5 से दोपहर 1 बजे और दोपहर 3 से रात 9 बजे तक खुलता है। इसकी 1212 स्तंभों वाली लंबी प्राकार विश्व प्रसिद्ध है।
5. कालाराम मंदिर, नासिक (महाराष्ट्र)
नासिक के पंचवटी क्षेत्र में स्थित यह मंदिर अपने काले रंग की राम प्रतिमा के कारण प्रसिद्ध है। यह मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:30 से रात 10 बजे तक खुलता है। नागर और हेमाड़पंथी शैली में निर्मित यह मंदिर सामाजिक चेतना से भी जुड़ा है, जहां डॉ. आंबेडकर ने दलित अधिकारों की आवाज उठाई थी।
6. कोदंडरामस्वामी मंदिर, रामेश्वरम (तमिलनाडु)
रामेश्वरम द्वीप पर स्थित यह प्राचीन मंदिर कोदंडधारी राम को समर्पित है। माना जाता है कि यहीं विभीषण ने राम से शरण मांगी थी। यह मंदिर सुबह 5 से दोपहर 1 बजे और दोपहर 3 से रात 9 बजे तक खुलता है।
7. त्रिप्रायर श्री रामस्वामी मंदिर, त्रिशूर (केरल)
12वीं सदी में बना यह मंदिर त्रिशूर जिले के त्रिप्रायर में स्थित है। यहां चार भुजाओं वाले रामस्वामी की मूर्ति विराजमान है। यह नलम्बलम यात्रा का हिस्सा है। मंदिर में त्रिप्रायर पूरम और तैरते मीन पूजन जैसे आयोजन प्रसिद्ध हैं।
8. श्री राम तीर्थ मंदिर, अमृतसर (पंजाब)
अमृतसर से लगभग 12 किमी दूर स्थित यह मंदिर वाल्मीकि आश्रम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहीं माता सीता ने लव-कुश को जन्म दिया था। यहां एक विशाल सरोवर, वाल्मीकि जी का मंदिर और रामायण से जुड़ी मूर्तियां हैं। दर्शन सुबह-शाम खुले रहते हैं।
9. रघुनाथ मंदिर, जम्मू (जम्मू-कश्मीर)
19वीं सदी में डोगरा राजाओं द्वारा बनवाया गया यह भव्य मंदिर जम्मू का धार्मिक केंद्र है। इसमें सात गर्भगृह हैं और संस्कृत पुस्तकों का विशाल संग्रह है। मंदिर सामान्यतः सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है।
10. श्री राम मंदिर, भुवनेश्वर (ओडिशा)
भुवनेश्वर के यूनिट‑3 क्षेत्र में स्थित यह आधुनिक राम मंदिर पीले पत्थरों से बना है। मंदिर सुबह 6 से रात 9:30 बजे तक खुलता है। इसमें राम-सीता-लक्ष्मण के साथ हनुमान और शिव मंदिर भी हैं। रामनवमी और दशहरा पर विशेष आयोजन होते हैं।
बसंत पंचमी का पर्व ज्ञान, विद्या और समृद्धि का प्रतीक है। यह दिन पूरी तरह से माता सरस्वती को समर्पित है, और इस दिन उनकी पूजा का विधान है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ था। इसी कारण से हर वर्ष इस तिथि को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी सबसे महत्वपूर्ण दिन माना गया है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन भक्त श्रद्धा पूर्वक पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।
सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का काफी महत्व है। चतुर्थी का पर्व शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। इस बार विनायक चतुर्थी 1 फरवरी 2025 को है। यह दिन भगवान गणेश जी को समर्पित है।