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केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड, हिन्दू धर्म में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और यह हिमालय की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ का महत्व अत्यंत विशेष है, क्योंकि इसे हिन्दू धर्म में भगवान शिव के प्रमुख धामों में से एक माना जाता है।
केदारनाथ मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है और यह विश्वसनीय रूप से महाभारत काल से जुड़ा है। इस स्थान का नाम महाभारत कथाओं में भी उल्लेखित है और यहाँ भगवान शिव ने पांडवों को अपने विजयी अवतार में दर्शन दिए थे।
केदारनाथ मंदिर को हिन्दू धर्म में शिव के पाँच प्रमुख केदारों में से एक माना जाता है, जिनमें यह सबसे पवित्र माना जाता है। यहाँ के शिवलिंग को स्वयं भगवान शिव के स्वरूप के रूप में माना जाता है, और यहाँ के दर्शन से भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति और आत्मसमर्पण की अनुभूति होती है।
इसके अलावा, केदारनाथ मंदिर को हिन्दू धर्म में मोक्ष और मोक्षदायक स्थानों में भी माना जाता है, और यहाँ के दर्शन से भक्तों को संसार से मुक्ति की प्राप्ति होती है।
इस प्रकार, केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड में हिन्दू धर्म के एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जो भक्तों को आध्यात्मिकता और शिव भगवान के प्रति श्रद्धा का अनुभव कराता है।
केदारनाथ मंदिर के पीछे की यह कथा अत्यंत प्राचीन है और महाभारत काल के समय का है। कथा के अनुसार, महाभारत युद्ध के बाद, पांडवों ने अपने कष्टों को समाप्त करने के लिए प्रायः समाधान की तलाश की। उन्होंने अनेक तीर्थ यात्राओं का आयोजन किया और उत्तराखंड की गुहाओं में भगवान शिव की आराधना की।
पांडवों ने प्रायः सभी तीर्थों में जाकर शिव की पूजा-अर्चना की, लेकिन उन्हें संतोषप्राप्ति नहीं हुई। इसके बाद ऋषि व्यास ने उन्हें बताया कि केवल केदारनाथ की यात्रा से ही उनके कष्ट दूर हो सकते हैं।
पांडवों ने ऋषि व्यास की सलाह मानते हुए केदारनाथ की यात्रा की। उन्होंने भगवान शिव की अद्वितीय पूजा की और उनसे अपने पापों की क्षमा मांगी।
भगवान शिव ने पांडवों की यात्रा को स्वीकार किया और उनके पापों की क्षमा की। उन्होंने आत्मीयता और सहयोग के साथ पांडवों को आशीर्वाद दिया और उनके जीवन को धर्मपरायणता की दिशा में परिणत किया।
इस प्रकार, केदारनाथ मंदिर के पीछे की यह कथा पांडवों के अद्भुत धार्मिक यात्रा का वर्णन करती है, जो उन्हें अपने पापों की क्षमा प्राप्त करने और भगवान शिव के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए केदारनाथ की ओर प्रेरित किया।
शोधोपचार पूजा: पूजा की प्रारंभिक चरण में, पुजारी द्वारा शोधोपचार पूजा की जाती है, जिसमें शिवलिंग की स्थापना और अन्य पूजा सामग्री का प्रयोग होता है।
अभिषेक: भक्तों द्वारा भगवान शिव की मूर्ति को पानी, दूध, दही, घी, चांदन, श्रृंगार, अक्षता, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, इत्यादि से स्नान किया जाता है।
महापूजा: उसके बाद, महापूजा की जाती है, जिसमें शिवलिंग को धूप, दीप, चादर, फूल, नैवेद्य, और पुष्पांजलि के साथ अर्चना की जाती है।
भजन और कीर्तन: पूजा के दौरान, भक्तों द्वारा भगवान शिव की महिमा की गायन और कीर्तन किया जाता है।
आरती: प्रतिदिन सुबह और शाम को भगवान शिव की आरती की जाती है, जिसमें विशेष श्लोक, मंत्र, और गान शिव की महिमा का गुणगान किया जाता है।
प्रसाद वितरण: पूजा के बाद, भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है, जो भगवान की कृपा का प्रतीक होता है।
इस प्रकार, केदारनाथ मंदिर में पूजा की प्रक्रिया विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है और भक्तों को भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और समर्पण की अनुभूति कराती है।
केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड, पहुंचने के लिए भारत के विभिन्न स्थानों से कई परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर कुछ मुख्य सुविधाएं हैं:
बस: राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से उत्तराखंड के कई शहरों से केदारनाथ की सेवा होती है। उत्तराखंड परिवहन निगम और निजी ट्रांसपोर्ट कंपनियां यात्रियों को मंदिर तक पहुंचाती हैं।
हेलीकॉप्टर सेवा: कुछ छोटे हवाई अड्डों से, जैसे देहरादून, सहारनपुर, रिशिकेश आदि, हेलीकॉप्टर सेवा केदारनाथ के निकट अंगुली, फटकाल, या लिंक्स द्वारा उपलब्ध है।
टैक्सी और प्राइवेट वाहन: केदारनाथ मंदिर तक अपने प्राइवेट वाहन या टैक्सी की सेवा भी उपलब्ध है। यह विकल्प उन यात्रीगण के लिए अधिक आरामदायक होता है जो अपने समय की अधिक सुरक्षितता चाहते हैं।
पदयात्रा: केदारनाथ मंदिर तक पदयात्रा भी एक विकल्प है, जो अनेक प्राकृतिक सौंदर्यों को अनुभव करने का अवसर प्रदान करती है। यह यात्रा कई यात्रीगण द्वारा पसंद की जाती है, जो आध्यात्मिक और शांतिपूर्ण अनुभव करना चाहते हैं।
इन सभी सुविधाओं का उपयोग करके यात्री केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड, तक पहुंच सकते हैं और इस पवित्र स्थल का दर्शन कर सकते हैं।
केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड, के आसपास कुछ अच्छे होटल और गेस्ट हाउस के नाम निम्नलिखित हैं:
होटल केदार विला: यह होटल मंदिर के निकट स्थित है और आरामदायक रहने की सुविधा प्रदान करता है।
होटल केदार गार्डन्स: यह भी मंदिर के पास है और उत्कृष्ट सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करता है।
केदार पविलियन गेस्ट हाउस: यह गेस्ट हाउस मंदिर के पास है और आरामदायक और व्यापक सुविधाओं के साथ यात्रीगण को स्वागत करता है।
होटल केदार धाम: यह होटल भी मंदिर के आसपास स्थित है और आरामदायक रहने के लिए अच्छा विकल्प है।
होटल श्री केदार धाम: यह होटल भी मंदिर के निकट स्थित है और आरामदायक सुविधाएं प्रदान करता है।
ग्रीन चारणा रिसोर्ट: यह रिसोर्ट मंदिर के पास है और प्राकृतिक सौंदर्य को आनंदित करने के लिए अच्छा विकल्प है।
भैरव चारणा गेस्ट हाउस: यह गेस्ट हाउस भी मंदिर के पास है और बजट में रहने के लिए उत्कृष्ट विकल्प है।
आनंद लोद्ग: यह लोड्ज मंदिर के बगल में स्थित है और यात्रियों को शांतिपूर्ण और सुरक्षित रहने की सुविधा प्रदान करता है।
केदारनाथ रेसिडेंसी: यह भी मंदिर के निकट स्थित है और अच्छी सेवाएं प्रदान करता है।
होटल देवल्या पालेस: यह होटल भी मंदिर के पास है और आरामदायक रहने की सुविधा प्रदान करता है।
ये सभी होटल और गेस्ट हाउस केदारनाथ मंदिर के आसपास स्थित हैं और यात्रीगण को आरामदायक रहने की सुविधा प्रदान करते हैं।
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