नवीनतम लेख
नवीनतम लेख
5 AM - 9 PM
चंडिका देवी मंदिर, हिंदू देवी चंडिका माई को समर्पित है जिन्हें काली के नाम से जाना जाता है। यह पवित्र तीर्थ स्थल उत्तराखंड के बागेश्वर जिले से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। नगर के भीलेश्वर पहाड़ी पर स्थित माता चंडिका को बागेश्वर की नगर देवी का दर्जा प्राप्त है। माता चंडिका को चंद शासकों के कुल परोहित पांडेय वंशजों ने चंपावत से यहां लाकर स्थापित किया था। वर्ष भर जिले के भक्तजन माता के दरबार में आकर पूजा-अर्चना करते हैं।
यह मंदिर वाघ नाथ मंदिर के ठीक सामने स्थित है। माना जाता है कि वर्ष 1698 से 1701 के बीच चंद राजाओं के शासनकाल में उनके कुल पुरोहित रहे चंपावत के पंडित श्रीराम पांडेय चंडिका देवी और गोल्ज्यू को लेकर बागेश्वर आए थे। ताम्रपत्र और शिलालेख में अंकित जानकारी के अनुसार भीलेश्वर पर्वत पर माता चंडिका का छोटा मंदिर बनाया गया। जिसके कुछ दूरी पर गोल्ज्यू की स्थापना की गई। उन्हें अब चौरासी के नाम से जाना जाता है। पांडेय वंशजों ने मंदिर के समीप चौरासी गांव को अपनी स्थली बनाया और यहीं बस गए। जिसके बाद से पांडेय वंशजों की पीढ़ी चंडिका मंदिर के पुजारी के रुप में मां की सेवा कर रही है।
कालांतर में समय बदला और बागेश्वर का भी विकास होता गया। पांडेय वंशजों के अलावा नगर और जिले के अन्य लोगों की आस्था भी चंडिका देवी में बढ़ने लगी। क्षेत्रवासियों ने महिषासुर मर्दिनी के नाम से विख्यात चंडिका मंदिर की पूजा नगर देवी के रुप में शुरु कर दी। साल 1985 में मंदिर के नवीनीकरण को लेकर विचार विमर्श शुरू हुआ। नगरवासियों ने मंदिर में निर्माण कार्य कराने के लिए कमेटी के गठन का विचार किया।
बागेश्वर में चंडिका मंदिर लोगों के जीवन में एक धार्मिक महत्व रखता है। इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। स्थानीय लोग चंडिका देवी मंदिर का सम्मान करते हैं और दैनिक पूजा करते हैं। मंदिर में समय-समय पर नौबत पूजा और भागवत कथा का आयोजन किया जाता है। पिछले कुछ सालों से मंदिर में शादी-विवाह भी संपन्न कराए जा रहे हैं।
हवाई मार्ग - यहां का निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का एयरपोर्ट है। यहां से आप बस या टैक्सी के द्वारा मंदिर तक यात्रा कर सकते हैं।
रेल मार्ग - यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है, जो बागेश्वर से लगभग 154 किमी दूर है। यहां से आपको स्थानीय बसों या टैक्सी द्वारा मंदिर तक जाना होगा।
सड़क मार्ग - ये प्रतिष्ठित मंदिर बागेश्वर से केवल 2 किलोमीटर की दूरी पर है। पर्यटक और श्रद्धालु नैनीताल के रास्ते बागेश्वर पहुंच सकते हैं।
मंदिर का समय - चंडिका मंदिर पूरे सप्ताह खुला रहता है और दर्शन का समय सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक हैं। हर दिन सुबह 5:30 बजे मंगला आरती और रात 8:30 बजे संध्या आरती होती है।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
श्री स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र (Shri Sthaneshwar Mahadev Temple- Thanesar, Kurukshetra)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
Our Services
Copyright © 2024 Bhakt Vatsal Media Pvt. Ltd. All Right Reserved. Design and Developed by Netking Technologies