जम्मू कश्मीर के 5 प्रसिद्ध देवी मंदिर

जम्मू कश्मीर में वैष्णोदेवी के अलावा भी हैं माता के कई अनोखे मंदिर, दर्शनों से मिलता है दिव्य लाभ


जम्मू कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है, बर्फ से ढंकी पहाड़ियां और चमचमाती झीलों के साथ जम्मू भारत के सिर का ताज है। यहां की अद्भुत सुंदरता लोगों के मन को आनंदित करने के लिए प्रयाप्त है। जम्मू कश्मीर भारत का लोकप्रिय पर्यटक स्थल होने के साथ- साथ प्रमुख धार्मिक तीर्थ स्थल भी है, जहां वैष्णोदेवी समेत कई सुंदर और दिव्य मंदिर है। भक्तवत्सल की नवरात्रि विशेष सीरीज में जहां हम आपको अब तक माता की भक्ति, व्रत के नियम, मां की उत्पत्ति, नवदेवी, दस महाविद्या से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दे चुके हैं वहीं अब हम आपको बता रहे हैं देश के प्रत्येक राज्य में माता के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में। इसी श्रृंख्या में जानिए आज जम्मू कश्मीर के प्रसिद्ध देवी मंदिरों को……


1.माता वैष्णो देवी मंदिर, कटरा :- जम्मू के कटरा रेलवे स्टेशन से पंद्रह किलोमीटर की दूरी पर त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित ये मंदिर सचमुच अद्भुत है. समुद्र तल से 1560 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर की छटा का वर्णन शब्दों में कर पाना बहुत कठिन है। यहां के वातावरण में आध्यात्मिकता और जीवंतता वास करती है। माता वैष्णो देवी मंदिर ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां प्रत्येक साल हजारों लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री पहुंचते हैं। ये मंदिर माता रानी का सबसे पवित्र और दिव्य स्थल माना जाता है और यहां दर्शन करने से इंसान को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। 


2.खीर भवानी मंदिर, तुल-मूल :- खीर भवानी मंदिर कश्मीर के तुल-मूल गांव के पास स्थित है। यह देवी के एक रूप रागन्या को समर्पित मंदिर है। इस मंदिर के झरने के पानी का रंग बदलने की अनोखी मान्यता है। इसे देवी के आशीर्वाद का संकेत माना जाता है। श्रद्धालु यहां देवी को दूध और चावल की खीर अर्पण करते हैं। जिसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। नवरात्र में यहां वार्षिक उत्सव मनाया जाता है और माता के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त यहां आते हैं।


3.शारिका देवी मंदिर, श्रीनगर :- हारी पर्वत की पहाड़ियों पर स्थित शारिका देवी मंदिर श्रीनगर का प्रमुख धार्मिक स्थल माना जाता है। यह मंदिर मां दुर्गा के ही एक अन्य रूप देवी शारिका को समर्पित है। यहां देवी की 18 हाथों वाली अद्भुत मूर्ति है। यहां का वातावरण श्रद्धालुओं को गहन शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव करवाने वाला है। मंदिर से श्रीनगर का अद्भुत दृश्य भी देखा जा सकता है, जो इसे एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी बनाता है। नवरात्रि के समय यहां विशेष पूजा और उत्सव का आयोजन किया जाता है।


4.मचैल माता मंदिर, किश्तवाड़:- जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पाडर घाटी में स्थित मचैल माता मंदिर मां चंडी का है। यह मंदिर वैष्णो देवी मंदिर से भी ऊंची है। इस मंदिर की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 2900 मीटर की है और इस मंदिर में हर साल हजारों श्रद्धालु कठिन यात्रा करके पहुंचते हैं। यहां की यात्रा को 'मचैल यात्रा' कहा जाता है, जो विशेष रूप से अगस्त माह से नवरात्रि तक आयोजित होती है। यह यात्रा कठिन पर्वतीय मार्ग पर चलते हुए भक्तों की अटूट श्रद्धा को भी प्रकट करती है।


5.महारानी मंदिर, गुलमर्ग:- महारानी मंदिर जम्मू और कश्मीर की पूर्व रियासत में डोगरा राजवंश का एक शाही मंदिर हुआ करता था, ये मंदिर गुलमर्ग शहर के बीच में एक छोटी पहाड़ी के ऊपर भगवान शिव और शक्ति को समर्पित है। महाराजा हरि सिंह की पत्नी मोहिनी बाई सिसोदिया द्वारा 1915 में निर्मित इस मंदिर को महारानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यह शहर के हर कोने से दिखाई दे सकता है। मान्यता है कि यहां रानी मोहिनी बाई ने राजा हरि सिंह के शाही महल में रहने के दौरान भगवान शिव की पूजा की थी। यह मंदिर सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक खुला रहता है। 



कि जम्मू और कश्मीर के मंदिर केवल धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रतीक भी माने जाते हैं। इन मंदिरों का दर्शन करना एक अविस्मरणीय अनुभव है, जहां भक्तों को देवी मां का आशीर्वाद और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद दोनों प्राप्त होते हैं। नवरात्रि से रोचक और विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ते रहें Bhaktvatsal.com .


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