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गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय(Govind Jai Jai, Gopal Jai Jai)

गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय(Govind Jai Jai, Gopal Jai Jai)

गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय ।

राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय ॥ १ ॥

॥ गोविन्द जय-जय... ॥


ब्रह्माकी जय-जय, विष्णूकी जय-जय ।

उमा- पति शिव शंकरकी जय-जय ॥ २ ॥

॥ गोविन्द जय-जय... ॥


राधाकी जय-जय, रुक्मिणिकी जय-जय ।

मोर-मुकुट वंशीवारेकी जय-जय ॥ ३ ॥

॥ गोविन्द जय-जय... ॥


गंगाकी जय-जय, यमुनाकी जय-जय ।

सरस्वती, तिरवेणीकी जय-जय ॥ ४ ॥

॥ गोविन्द जय-जय... ॥


रामकी जय-जय श्यामकी जय-जय ।

दशरथ-कुँवर चारों भैयों की जय-जय ॥ ५ ॥

॥ गोविन्द जय-जय... ॥


कृष्णाकी जय-जय, लक्ष्मीकी जय-जय ।

कृष्ण-बलदेव दोनों भइयोंकी जय-जय ॥ ६ ॥


गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय ।

राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय ॥

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लेके पूजा की थाली

लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली
तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ
तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा
तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ

सुनो सुनो एक कहानी सुनो

सुनो सुनो, सुनो सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो

ओ आए तेरे भवन

ओ, आए तेरे भवन, दे दे अपनी शरण
ओ, आए तेरे भवन, दे दे अपनी शरण

मढ़िया में जाके बोए जवारे (Madhiya Mein Jaake Boye Jaware)

मढ़िया में जाके बोए जवारे,
ऊंची पहड़िया में गाड़ दियो झंडा।

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