गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय ।
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय ॥ १ ॥
॥ गोविन्द जय-जय... ॥
ब्रह्माकी जय-जय, विष्णूकी जय-जय ।
उमा- पति शिव शंकरकी जय-जय ॥ २ ॥
॥ गोविन्द जय-जय... ॥
राधाकी जय-जय, रुक्मिणिकी जय-जय ।
मोर-मुकुट वंशीवारेकी जय-जय ॥ ३ ॥
॥ गोविन्द जय-जय... ॥
गंगाकी जय-जय, यमुनाकी जय-जय ।
सरस्वती, तिरवेणीकी जय-जय ॥ ४ ॥
॥ गोविन्द जय-जय... ॥
रामकी जय-जय श्यामकी जय-जय ।
दशरथ-कुँवर चारों भैयों की जय-जय ॥ ५ ॥
॥ गोविन्द जय-जय... ॥
कृष्णाकी जय-जय, लक्ष्मीकी जय-जय ।
कृष्ण-बलदेव दोनों भइयोंकी जय-जय ॥ ६ ॥
गोविन्द जय-जय, गोपाल जय-जय ।
राधा-रमण हरि, गोविन्द जय-जय ॥
कभी आपने सोचा है कि महादेव की तीसरी आंख क्यों चमकती है? क्या आप जानते हैं कि इस तीसरी आंख ने कई बार संसार को बचाया भी है और तबाह भी किया है। हिंदू धर्म में महादेव को देवों के देव कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों में भगवान शिव की अनेकों कथाएं प्रचलित हैं।
कुंभ मेला भारत की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, जिसे विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। हर 12 साल में होने वाले इस आयोजन का मुख्य आकर्षण साधु संतों के अखाड़े होते हैं। अखाड़े हिंदू धर्म के प्रमुख संगठन , जो सनातन के प्रचार-प्रसार का काम करते है।
प्रयागराज हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में गिना जाता है। महादेव की इस पावन नगरी में 12 जनवरी से 26 फरवरी के बीच कुंभ मेले का आयोजन होने वाला है। देश-दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां के संगम घाट पर स्नान करने पहुचेंगे। यह घाट करोड़ों श्रद्धालुओं को सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है।
प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से 26 फरवरी से कुंभ मेला का आयोजन होने वाला है। इसके लिए तैयारियां जोरों- शोरों से चल रही है। हिंदू धर्म के मुताबिक कुंभ में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।