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बांके बिहारी लाल, तेरी जय होवे (Banke Bihari Laal, Teri Jai Hove)

बांके बिहारी लाल, तेरी जय होवे (Banke Bihari Laal, Teri Jai Hove)

बांके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे,

भक्तन के रखपाल,

तेरी जय होवे,

जय होवे तेरी जय होवे,

जय होवे तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥


चारों वेद तेरा जस गावे,

नेती नेती सदा पुकारे,

फिर भी ना पावे पार,

तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥


दुःख संकट के तुम रखवारे,

भक्तन की आँखों के तारे,

दूर करो अंधकार,

तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥


हम दुखियारे द्वार तिहारे,

रेन दिना यह विनय पुकारे,

करे भव सागर से पार,

तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥


हम पागल है दुनिया वाले,

स्वार्थ के है सब मतवाले,

अब तो आकर थाम,

तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥


बांके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे,

भक्तन के रखपाल,

तेरी जय होवे,

जय होवे तेरी जय होवे,

जय होवे तेरी जय होवे,

बाँके बिहारी लाल,

तेरी जय होवे ॥

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रवि प्रदोष व्रत शाम में पूजा

हिंदू धर्म में अनेक तीथियां जो बेहद पावन मानी गई है उनमें से ही एक है त्रयोदशी तिथि। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है। इस दिन साधक प्रदोष व्रत रखते हैं।

प्रदोष व्रत के फायदे

प्रदोष व्रत त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। इसलिए, इसे त्रयोदशी के नाम से भी जानते हैं। प्रत्येक महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है।

माता भुवनेश्वरी की पूजा विधि

माता भुवनेश्वरी हिंदू धर्म में पूजी जाने वाली एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें ब्रह्मांड की रानी और सृजन की देवी के रूप में जाना जाता है। उनका नाम "भुवनेश्वरी" दो शब्दों से मिलकर बना है - "भुवन" जिसका अर्थ है ब्रह्मांड और "ईश्वरी" जिसका अर्थ है स्वामिनी।

मां ललिता की पूजा विधि

मां ललिता, जिन्हें त्रिपुर सुंदरी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म की प्रमुख देवियों में से एक हैं। वे शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं और ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हैं।

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