हिंदू धर्म में कुबेर को धन के देवता के रूप में पूजा जाता है। उन्हें यक्षों का राजा भी कहा जाता है और वे समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं। जिन भक्तों पर कुबेर की कृपा होती है, उनके घर में कभी धन की कमी नहीं होती। कुबेर भगवान शिव के परम भक्त हैं और नौ निधियों के अधिपति हैं। कुबेर की पूजा करने से न केवल आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में वैभव और सुख भी आता है। अब ऐसे में अगर आप कुबेर देवता की पूजा कर रहे हैं, तो उनकी पूजा किस विधि से करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य त्रिपाठी जी से विस्तार से जानते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कुबेर रावण के सौतेले भाई थे। रावण लंका का राजा था। कुबेर के पिता महर्षि विश्रवा और माता देववर्णिणी थीं। कुबेर को उत्तर दिशा का राजा और देवताओं के खजाने का रखवाला माना जाता है। उन्हें इस दुनिया की रक्षा करने वाला भी कहा जाता है।
अगर आप कुबेर देवता की पूजा कर रहे हैं, तो पूजा के लिए सामग्री के बारे में पढ़ें।
कुबेर देवता को धन का देवता माना जाता है। इनकी पूजा करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। कुबेर देवता की पूजा करने के लिए विधि के बारे में जानें।
ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
ऊं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥
ऊं ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी1 मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
गुरुवार को कुबेर देवता का दिन माना जाता है। इस दिन कुबेर देवता की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। इससे उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।
कुबेर देवता की पूजा करने से धन में वृद्धि होती है। व्यापार में लाभ होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। कुबेर देवता की कृपा से घर में सुख-समृद्धि आती है। जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है। कुबेर देवता की पूजा करने से ऋण से मुक्ति मिलती है। व्यापारियों के लिए कुबेर देवता की पूजा बहुत फायदेमंद होती है। इससे व्यापार में सफलता मिलती है और धन लाभ होता है। कुबेर देवता की पूजा करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और व्यक्ति को सुख मिलता है।
हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। अगर आपको बजरंगबली की कृपा प्राप्त करनी हैं तो आप मंगलवार को उनकी पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। जैसा कि आपको बता दें कि सोमवार को भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है।
सनातन धर्म में गुरुवार दिन का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन व्रत करने का भी एक अलग ही महत्व है। ऐसी मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से और व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
सनातन धर्म में किसी भी दिन उपवास या व्रत की परंपरा बहुत पुरानी और महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि यह धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।