धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के उग्र रूप में नरसिंह भगवान की पूजा की जाती है। भारत में कई मंदिर हैं जो उनकी पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां हम पांच प्रमुख नरसिंह मंदिरों की जानकारी देंगे, जो धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
अहोबिलम, जिसे ‘नरसिंह की भूमि’ भी कहा जाता है, आंध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में स्थित है। यहां नौ प्रमुख नरसिंह मंदिर हैं, जिन्हें ‘नव नरसिंह’ के नाम से जाना जाता है। मुख्य मंदिर में भगवान नरसिंह की प्रतिमा स्थापित है, जो भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है।
पेंचालकोना, नेल्लोर जिले में स्थित, नव नरसिंह मंदिरों में से एक है। यहां भगवान नरसिंह की पूजा अर्चना विशेष महत्व है। यह स्थान धार्मिक यात्रियों के लिए एक प्रमुख स्थल माना जाता है।
कदीरी, अनंतपुर जिले में स्थित, एक प्रसिद्ध नरसिंह मंदिर है। यहां भगवान नरसिंह की प्रतिमा स्थापित है, जो भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है। मंदिर की वास्तुकला और धार्मिक महत्व इसे भक्तों के लिए विशेष रूप से आकर्षक बनाते हैं।
सिम्हाचलम का वराह लक्ष्मी नरसिंह मंदिर, भगवान नरसिंह के वराह रूप की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर विशाखापत्तनम जिले में स्थित है, जो अपनी सुन्दर वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। यहां भगवान नरसिंह की पूजा अर्चना भक्तों के लिए विशेष आस्था का विषय है और धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप, यहां मानी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
अंतर्वेदी, पूर्व गोदावरी जिले में स्थित, श्री लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां भगवान नरसिंह की पूजा अर्चना विशेष महत्व रखती है। मंदिर के आसपास के स्थानों में विभिन्न धार्मिक स्थल हैं, जो भक्तों के लिए आस्था का केंद्र हैं।
इन मंदिरों की यात्रा से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और इतिहास को भी समझने का अवसर प्राप्त होता है। यदि आप भगवान नरसिंह के भक्त हैं, तो इन मंदिरों की यात्रा अवश्य करें। ऐसा माना जाता है कि इससे भगवान नरसिंह की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
ऐसे मेरे मन में विराजिये
ऐसे मेरे मन में विराजिये
बच्छ बारस एक महत्वपूर्ण व्रत है जो माताएं अपने पुत्रों की दीर्घायु, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए रखती हैं।
बच्छ बारस जिसे गोवत्स द्वादशी भी कहा जाता है। ये पर्व आगामी 28 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
आज अष्टमी की पूजा करवाउंगी,
ज्योत मैया जी की पावन जगाउंगी।