Mahalaxmi Vrat 2025:हिंदू धर्मग्रंथों में महालक्ष्मी व्रत को बेहद शुभ और फलदायी माना गया है। यह व्रत धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है और सोलह दिनों तक चलता है। मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और आर्थिक संकट दूर होते हैं। पंचांग के अनुसार यह व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से शुरू होकर अश्विन कृष्ण अष्टमी तक चलता है। अब ऐसे में अगर आप पहली बार महालक्ष्मी व्रत करने वाले हैं तो इसके नियमों का पालन करना विशेष आवश्यक माना गया है। आइए जानते हैं इन नियमों के बारे में विस्तार से।
महालक्ष्मी व्रत के दौरान श्रद्धालुओं को 16 दिनों तक तामसिक आहार से परहेज करना चाहिए और घर को स्वच्छ व पवित्र बनाए रखना चाहिए। इस व्रत में प्रत्येक दिन सुबह-शाम विधिपूर्वक मां लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए। परंपरा के अनुसार व्रत रखने वाले व्यक्ति को बाएं हाथ में सोलह गांठों वाला धागा धारण करना चाहिए। इस अवधि में खट्टी चीजों का सेवन वर्जित माना गया है। पूजा संपन्न होने के बाद सोलह दूर्वा घास की गांठ को जल में डुबोकर पूरे शरीर पर छिड़कना चाहिए। ऐसा करना फलदायी माना जाता है।
महालक्ष्मी व्रत की पूजा के लिए आप नारियल, कलश, कपूर, घी, दीपक और अगरबत्ती को एकत्रित कर लें। इस दौरान सामग्री सूची में धूपबत्ती, सुपारी फूल, और 16 श्रृंगार के सामानों को भी रखें।
धन की देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत सोलह दिनों तक किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और जीवन में समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही, मां लक्ष्मी को प्रिय चीजें चढ़ाने से व्यवसाय में तरक्की और परिवार में खुशहाली आती है।