भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को मनाई जाने वाली गणेश चतुर्थी का पर्व इस साल 27 अगस्त 2025 को आ रहा है। इस दिन घर-घर और पंडालों में विघ्नहर्ता गणेश जी की स्थापना की जाएगी और दस दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना होगी। शास्त्रों में गणेश जी को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता बताया गया है। मान्यता है कि सच्चे मन से किए गए उपायों से गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और भक्तों के जीवन से सभी प्रकार के संकट दूर कर देते हैं। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी पर किए जाने वाले 5 खास उपाय, जो जीवन की मुश्किलों को कम कर सकते हैं।
1. आर्थिक कष्ट दूर करने का उपाय
यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से आर्थिक तंगी झेल रहा है या कर्ज से परेशान है, तो गणेश चतुर्थी पर विशेष पूजा करें। इस दिन हाथी और गौ माता को हरा चारा खिलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से धन की प्राप्ति में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति सुधरने लगती है।
2. गृह क्लेश से मुक्ति पाने का उपाय
घर में लगातार विवाद और तनाव हो तो गणपति बप्पा की पूजा इस समस्या से मुक्ति दिला सकती है। गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी को गुड़ का भोग लगाएं और पूजा के बाद गौ माता को गुड़ खिलाएं। ऐसा करने से घर का वातावरण शांत होने लगता है और परिवार में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है। यह उपाय विवाह में विलंब झेल रहे अविवाहित लोगों के लिए भी लाभकारी माना गया है।
3. मनोकामना पूर्ति का उपाय
यदि आपकी कोई इच्छा लंबे समय से अधूरी है तो गणेश चतुर्थी पर गणेश जी को 21 गुड़ की गोलियां और दूर्वा अर्पित करें। पूजा के दौरान गणेश मंत्रों का जाप करें और अंत में अपनी मनोकामना तीन बार स्पष्ट रूप से व्यक्त करें। साथ ही अपने दोषों के लिए क्षमा याचना करें। मान्यता है कि इस उपाय से बप्पा शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं।
4. पापों से मुक्ति पाने का उपाय
गणेश चतुर्थी पर अपने घर में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करें और दिनभर व्रत रखें। गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न का दान करें। दस दिन बाद गणेश जी का विसर्जन पूरे विधि-विधान से करें। यह उपाय पापों का नाश करता है और जीवन में शुभ फल प्रदान करता है।
5. नजर दोष और ग्रहदोष से बचने का उपाय
यदि बार-बार नजर लगने या स्वास्थ्य संबंधी परेशानी बनी रहती है तो इस दिन घर में पीले रंग की गणेश प्रतिमा स्थापित करें। दस दिनों तक व्रत और पूजा करें और गणेश जी को हल्दी की पांच गांठ अर्पित करें। ऐसा करने से ग्रहों की नकारात्मक स्थिति कमजोर होती है और नजर दोष का प्रभाव कम हो जाता है।