हरतालिका तीज भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। यह पर्व विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं और अविवाहित कन्याओं के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती ने कठोर तप कर भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। इसलिए महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शिव-पार्वती की पूजा कर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। इस व्रत के अवसर पर अगर भक्त भोलेनाथ के प्रमुख मंदिरों के दर्शन करें तो इसका फल कई गुना बढ़ जाता है।
हरतालिका तीज के मौके पर आप वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और ‘विश्वेश्वर’ के नाम से प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति आती है। हरतालिका तीज के दिन गंगा स्नान कर इस मंदिर में पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर भी ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। यह मंदिर अपनी अद्वितीय भस्म आरती के लिए प्रसिद्ध है। भक्तों का विश्वास है कि हरतालिका तीज के दिन यहां भोलेनाथ के दर्शन करने और विशेष पूजन करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
हिमालय की गोद में स्थित केदारनाथ मंदिर का महत्व हर मौसम में बना रहता है। हरतालिका तीज के अवसर पर यहां आने वाले श्रद्धालु कठोर तप और भक्ति का अनुभव करते हैं। यह मंदिर भगवान शिव के पंचकेदार में से प्रमुख है। यहां पूजा-अर्चना करने से मन की अशुद्धियां दूर होती हैं और व्यक्ति को दिव्य ऊर्जा प्राप्त होती है।
गुजरात का सोमनाथ मंदिर भी शिवभक्तों के लिए अत्यंत पूजनीय है। इसे शिव के प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है। हरतालिका तीज के दिन इस मंदिर में विशेष रूप से भक्तों की भीड़ रहती है। मान्यता है कि यहां पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और वैवाहिक बंधन मजबूत होता है।
श्री केदारेश्वर महादेव, हरिद्वार
हरिद्वार के घाटों पर स्थित श्री केदारेश्वर महादेव मंदिर भी हरतालिका तीज पर पूजा के लिए उपयुक्त स्थान है। गंगा स्नान करने के बाद यहां पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।