बैजनाथ मंदिर, उत्तराखंड (Baijnath Temple, Uttarakhand)

दर्शन समय

6 AM - 9 PM

शिव-पार्वती के विवाह से जुड़ा हुआ है बैजनाथ मंदिर, इन दो नदियों के संगम पर बना है मंदिर 


बैजनाथ मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है। ये उत्तराखंड के बैजनाथ जिले के कौसानी शहर से 16 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर कुछ छोटे मंदिरों का एक समूह है जो भगवान शिव के मुख्य मंदिर के परिसर में स्थित हैं। बैजनाथ लाखों-करोड़ो हिंदुओं के आस्था का केंद्र है। यहां हर साल श्रद्धालुओं के साथ देश-विदेश से पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। बैजनाथ गरुड़ गंगा और गोमती नदी के संगम पर बसा हुआ है। इस मंदिर का महत्व भगवान शिव और पार्वती के विवाह से जुड़ा है। यह शांतिपूर्ण स्थान है और हिंदू पौराणिक कथाओं और संस्कृति में इसका बहुत महत्व है।


11वीं शताब्दी में हुआ था मंदिर का निर्माण 


इस मंदिर का निर्माण कुमाऊंनी कत्यूरी राजा ने 1150 ईं के आसपास करवाया था। बैजनाथ को कत्यूरी राजवंश की राजधानी माना जाता है, जिन्होंने 12वीं और 13वीं शताब्दी के दौरान उत्तरांचल पर शासन किया था। बैजनाथ को कार्तिकेयपुर भी कहा जाता है। बैजनाथ जिसे बैद्यनाथ, चिकित्सकों के भगवान के रुप में भी जाना जाता है, एक ऐसा मंदिर है दो उल्लेखनीय आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है।


गोमती, गरूड़ गंगा संगम पर स्थित है मंदिर 


बैजनाथ शिव मंदिर का एक खास पहलू यहां है कि इसकी वास्तुकला उत्तर भारतीय नागर शैली की शिल्पकला पर आधारित है, जो द्रविड़ शैली की वास्तुकला से मिलती है। इस मंदिर को उन मंदिरों में गिना जाता है जहां भगवान शिव और पार्वती के साथ एक साथ दर्शन किए जा सकते हैं। बैजनाथ मंदिर के बारे में किंवदंतियों के अनुसार यह माना जाता है कि भगवान शिव और पार्वती का विवाह गोमती नदी और गरुड़ गंगा के संगम पर हुआ था। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि ये मंदिर सिर्फ एक दिन में बनाया गया है।


मंदिर में शिव-पार्वती समेत अन्य देवी-देवता भी 


बैजनाथ मंदिर में प्राचीन शिव मंदिर है। मुख्य मंदिर में काले पत्थर से बनी देवी पार्वती की एक सुंदर मूर्ति है। इस मंदिर से बहुत सुंदर प्राकृतिक दृश्य दिखता है, ऐसा लगता है कि आप स्वर्ग में हैं। इस सर्किट में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ नामक चार स्थल शामिल हैं। इस मंदिर में भगवान शिव के अलावा गणेश, शिव, पार्वती, कार्तिकेय, नरसिम्हा, ब्रह्मा, चंडिका, कुबेर, सप्तर्निक, सूर्य और गरुड़ देवता शामिल हैं। मंदिर के बाहर एक मछली का तालाब है। 


बैजनाथ मंदिर कैसे पहुंचे


हवाई मार्ग  - यहां का निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जो बैजनाथ मंदिर से लगभग 185 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकती है।


रेल द्वारा -  यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो कि बैजनाथ मंदिर से लगभग 151 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से आप टैक्सी या स्थानीय बस द्वारा मंदिर पहुंच सकती है।


सड़क मार्ग - बैजनाथ कसौनी से 17 किलोमीटर दूर है। राज्य की बसे बैजनाथ को अल्मोड़ा, रानीखेत, नैनीताल, कसौनी और पिथौरागढ़ से जोड़ती है। 


मंदिर का समय -  सुबह 6 बजे खुलता है और रात 9 बजे तक।

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