हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया (Hajipur Kelwa Mahang Bhaile Dhaniya)

हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया

छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया

हाजीपुर नारियल महँग भेल हे धनिया

छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया


हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया

हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया

छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा

छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा

छठी रे वरतिया मोरा अवध सेनोरबा

छठी रे वरतिया मोरा अवध सेनोरबा


दउरा गोल सुपवा महँग भेल हे धनिया

कोरवा गेहुंअवा महँग भेल हे धनिया

छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया


हम नहीं छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया

छठिया करइते बढ़ल कुल परिबरवा

छठी रे वरतिया मोरा प्राण के अधरबा


हम कैसे छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया

छठी रे वरतिया देल गोदी के बलकबा

अन धन लक्ष्मी बढ़ल नैहर ससुरवा


हाजीपुर केलवा महँग भेल हे धनिया

छोड़ी देहु आहे धनि छठी रे वरतिया

हम नहीं छोड़ब प्रभु छठी रे वरतिया


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हे पुरुषोत्तम श्रीराम, करूणानिधान भगवान (Hai Purushottam Shri Ram Karuna Nidhan Bhagwan)

हे पुरुषोत्तम श्रीराम,
करूणानिधान भगवान ॥

ओम अनेक बार बोल (Om Anek Bar Bol Prem Ke Prayogi)

ओम अनेक बार बोल, प्रेम के प्रयोगी।
है यही अनादि नाद, निर्विकल्प निर्विवाद।

हरछठ (Har Chhath)

हरछठ या हलछठ पर्व के दिन व्रत रखने से संतान-सुख की प्राप्ति होती है। अब आपके दिमाग में हरछठ व्रत को लेकर कई सवाल आ रहे होंगे। तो आइए आज भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हरछठ पर्व क्या है और इसमें व्रत रखने से हमें क्यों संतान प्राप्ति होती है?

भगवान शिव क्यों बने थे भिखारी

संसार के सभी जीव-जंतु जीवित रहने हेतु भोजन पर निर्भर रहते हैं। सनातन हिंदू धर्म में देवी अन्नपूर्णा को अन्न के भंडार और इसकी पूर्ति करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। देवी अन्नपूर्णा की पूजा के पीछे एक पौराणिक कथा है।

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