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केलवा के पात पर(Kelwa Ke Paat Par)

केलवा के पात पर(Kelwa Ke Paat Par)

केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके

केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके ऊंके

हो करेलु छठ बरतिया से झांके ऊंके

हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी

हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी

हे करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी

हे करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी

हमरो जे बेटवा पवन ऐसन बेटवा से उनके लागी

हमरो जे बेटवा पवन ऐसन बेटवा से उनके लागी

हे करेलू छठ बरतिया से उनके लागी

हे करेलू छठ बरतिया से उनके लागी

अमरुदिया के पात पर उगेलन सुरूज मल झांके झुके

अमरुदिया के पात पर उगेलन सुरूज मल झांके झुके

हे करेलु छठ बरतिया से झांके झुके

हे करेलु छठ बरतिया से झांके झुके

हम तोसे पूछी बरतिया ए बरितिया से केकरा लागी

हम तोसे पूछी बरतिया ए बरितिया से केकरा लागी

हे करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी

हे करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी

हमरो जे स्वामी पवन एसन स्वामी उनके लागी

हमरो जे स्वामी पवन एसन स्वामी उनके लागी

हे करेली छठ बरतिया से उनके लागी

हे करेली छठ बरतिया से उनके लागी

नारियर के पात पर उगेलन सुरूजमल झांके झूके

नारियर के पात पर उगेलन सुरूजमल झांके झूके

हे करेलू छठ बरतिया से झांके झूके

हे करेलू छठ बरतिया से झांके झूके

हम तोसे पूछी बरतिया ए बरतिया से केकरा लागी

हम तोसे पूछी बरतिया ए बरतिया से केकरा लागी

हे करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी

हे करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी

हमरो जे बेटी पवन ऐसन बेटिया से उनके लागी

हमरो जे बेटी पवन ऐसन बेटिया से उनके लागी

हे करेलू छठ बरतिया से उनके लागी

हे करेलू छठ बरतिया से उनके लागी

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गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी का संबंध

मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती का विशेष संबंध सनातन धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। मोक्षदा एकादशी, मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को मनाई जाती है।

कितने साल तक रखना चाहिए एकादशी और प्रदोष व्रत

हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। ये व्रत धार्मिक श्रद्धा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ के लिए किए जाते हैं।

दिसंबर माह के प्रदोष व्रत

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। यह व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। भगवान शिव की साधना करने वाले साधक को पृथ्वी लोक के सभी सुख प्राप्त होते हैं और मृत्यु उपरांत उच्च लोक में स्थान मिलता है।

प्रदोष व्रत पर बन रहा अद्भुत योग

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। 13 दिसंबर 2024 को मार्गशीर्ष मास का अंतिम प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

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