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राम सिया राम, कौशल्या, दशरथ के नंदन - भजन (Ram Siya Ram, Kaushalya Dashrath Ke Nandan)

राम सिया राम, कौशल्या, दशरथ के नंदन - भजन (Ram Siya Ram, Kaushalya Dashrath Ke Nandan)

कौशल्या, दशरथ के नंदन

राम ललाट पे शोभित चन्दन

रघुपति की जय बोले लक्ष्मण

राम सिया का हो अभिनन्दन

अंजनी पुत्र पड़े हैं चरण में

राम सिया जपते तन मन में


मंगल भवन अमंगल हारी

द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी


राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम


मेरे तन मन धड़कन में

सिया राम राम है

मन मंदिर के दर्पण में

सिया राम राम है

तू ही सिया का राम

राधा का तू ही श्याम

जन्मो जनम का ही ये साथ है

मीरा का तू भजन

भजते हरी पवन

तुलसी में भी लिखी ये बात है


मंगल भवन अमंगल हारी

द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी


राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम


मंगल भवन अमंगल हारी

मंगल भवन अमंगल हारी

द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी


राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

राम सिया राम, सिया राम

जय जय राम

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कब है भाई दूज 2 या 3 नवंबर, जानें शुभ मुहूर्त

दीपोत्सव दिवाली के पांच दिवसीय महोत्सव में गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक इस त्योहार के साथ ही दिवाली उत्सव का समापन होता है।

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव के दौरान गोवर्धन पूजा का त्योहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है।

गोवर्धन पूजा पर क्यों होता है अन्नकूट

गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्‍ण, गोवर्धन पर्वत, गाय और गौवंश की पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही इस दिन 56 या 108 तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्‍ण को उनका भोग लगाने और अन्नकूट महोत्सव का भी विधान है।

गोवर्धन पूजा की संपूर्ण कथा

दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का प्रमुख त्योहार गोवर्धन पूजा हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को आता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की प्रतीक स्वरूप पूजा-अर्चना करने का विधान है।

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