राम तुम्हारा नाम
सुखों का सार हुआ
राम तुम्हारा नाम
सुखों का सार हुआ
राम लहर मैं जो डूबा
बस वो ही पार हुआ ।
हम जैसे भी हैं
राघव उद्धार करो
हमको भी निज चरणों में
स्वीकार करो
हम जैसे भी हैं
राघव उद्धार करो
हमको भी निज चरणों में
स्वीकार करो ।
जब शबरी का बेर
तुम्हें स्वीकार हुआ
राम लहर मैं जो डूबा
बस वो ही पार हुआ ।
राम अलख से
जन्मों का अंधेर गया
जिस पत्थर पे
राम लिखा वो तैर गया
राम अलख से
जन्मों का अंधेर गया
जिस पत्थर पे
राम लिखा वो तैर गया ।
कौन जगत में राम
तुम जैसा अवतार हुआ
राम लहर मैं जो डूबा
बस वो ही पार हुआ ।
क्षीर सिंधु में
शेषनाग पर सोये थे
देख हमारी दशा
नयन भर रोये थे
क्षीर सिंधु में
शेषनाग पर सोये थे
देख हमारी दशा
नयन भर रोये थे ।
तुम उतरे जो राम
धरती पर उपकार हुआ
राम लहर मैं जो डूबा
बस वो ही पार हुआ ।
हम जैसे भी हैं
राघव उद्धार करो
हमको भी निज चरणों में
स्वीकार करो
जब शबरी का बेर
तुम्हें स्वीकार हुआ
राम लहर मैं जो डूबा
बस वो ही पार हुआ ।
राम तुम्हारा नाम
सुखों का सार हुआ
राम लहर मैं जो डूबा
बस वो ही पार हुआ ।
देख लिया संसार हमने देख लिया,
सब मतलब के यार हमने देख लिया ।
बरपा है केहर भोले आकर के बचा लेना,
देकर शरण अपनी अपने में समा लेना ॥
‘मंत्र’ शब्द संस्कृत भाषा से आया है। यहां 'म' का अर्थ है मन और 'त्र' का अर्थ है मुक्ति। मंत्रों का जाप मन की चिंताओं को दूर करने, तनाव और रुकावटों को दूर करने एवं आपको बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में मदद करने का एक सिद्ध तरीका है।
देखो राजा बने महाराज,
आज राम राजा बने,