राम जन्मभूमि पर जाकर,
जीत के दीप जलाएंगे,
कलयुग के रावण अब भय से,
अपनी खैर मनाएंगे ॥
राम अयोध्या जब लौटे,
जले थे दीपक घर घर में,
सियाराम के जयकारे भी,
गूंज उठे थे अम्बर में,
जाके अयोध्या दिवाली में,
फुलझड़िया हम जलाएंगे,
कलयुग के रावण अब भय से,
अपनी खैर मनाएंगे ॥
देश के कोने कोने से जब,
भक्तो की टोली आएगी,
उनकी भक्ति की शक्ति से,
ये दुनिया अब थर्राएगी,
जय श्री राम का झंडा अब तो,
हर घर में लहराएगा,
कलयुग के रावण अब भय से,
अपनी खैर मनाएंगे ॥
राम जन्मभूमि पर जाकर,
जीत के दीप जलाएंगे,
कलयुग के रावण अब भय से,
अपनी खैर मनाएंगे ॥
2 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी पर शनि का नक्षत्र गोचर होगा। इस दिन सुबह 8.51 मिनट पर शनि पूर्व भाद्रपद के प्रथम पद से द्वितीय पद में गोचर करेंगे। पूर्वभाद्रपद नक्षत्र के स्वामी बृहस्पति हैं, जो भाग्य के कारक ग्रह हैं।
फरवरी का महीना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह-गोचर के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। इस महीने में सूर्य, मंगल, बुध और बृहस्पति ये चार ग्रह अपनी चाल बदलेंगे जिससे कई राशियों के जीवन में तरक्की और कमाई के नए अवसर आएंगे।
ग्रहों का राशि परिवर्तन, उनकी चाल में बदलाव और अन्य ग्रहों के साथ युति का प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर जरूर पड़ता है। आने वाले कुछ दिनों में सूर्य और शुक्र की युति मीन राशि में होने वाली है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, सभी ग्रह एक निश्चित समय अंतराल पर अपना- अपना स्थान परिवर्तन करते हैं। इसका नकारात्मक अथवा सकारात्मक प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है।