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मन चल रे वृन्दावन धाम(Man Chal Re Vrindavan Dham)

मन चल रे वृन्दावन धाम(Man Chal Re Vrindavan Dham)

मन चल रे वृन्दावन धाम,

राधे राधे गाएंगे,

ओ राधे राधे गाएंगे,

राधे राधे गाएंगे,

तेरा कोड़ी लगे न च दाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


वृन्दावन में बाँके बिहारी,

ओढ़ के बैठ्यो कांवलिया काली,

तुझे वही पे मिले विश्राम,

राधे राधे गाएंगे,

मन चल रे वृंदावन धाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


वृन्दावन में यमुना किनारा,

निर्मल शीतल बहती है धारा,

तुझे मिल जाये श्यामा श्याम,

राधे राधे गाएंगे,

मन चल रे वृंदावन धाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


श्री निधिवन की शोभा है न्यारी,

हरिदास जु के बांके बिहारी,

तेरे बन जाये बिगड़े काम,

राधे राधे गाएंगे,

मन चल रे वृंदावन धाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


पागल का पागलपन देखो,

प्रभु की खातिर तन मन देखो,

देखो बरसानो और नंदगाँव,

राधे राधे गाएंगे,

मन चल रे वृंदावन धाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


मन चल रे वृन्दावन धाम,

राधे राधे गाएंगे,

ओ राधे राधे गाएंगे,

राधे राधे गाएंगे,

तेरा कोड़ी लगे न च दाम,

राधे राधे गाएंगे ॥


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मां दुर्गा के 108 नाम जाप की विधि

नवरात्रि पर्व का आगमन होते ही चारों ओर भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बन जाता है। विशेषकर चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शक्ति का संचार भी होता है।

नवरात्रि पर जानिए देवी दुर्गा और महिषासुर के युद्ध की कथा

नवरात्रि के दिनों में हमने देखा है कि जहां भी मां दुर्गा की पूजा होती है। वहां माता की मूर्ति के साथ उस परम शक्तिशाली असुर महिषासुर की भी प्रतिमा माता के साथ होती है।

चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना कब करें

जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही, जीवन में व्याप्त सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है। नवरात्रि की शुरुआत प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना से होती है।

चैत्र नवरात्रि पर पढ़ें मां दुर्गा की उत्पत्ति की कथा

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025, रविवार से शुरू होगी। जिसमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा उपासना की जाती है, जो 9 दिनों तक चलेंगे। बता दें कि देवी दुर्गा को शक्ति और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है।

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