Logo

मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती(Man Tera Mandir Ankhen Diya Bati)

मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती(Man Tera Mandir Ankhen Diya Bati)

मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती,

होंठो की हैं थालियां बोल फूल पाती,

रोम रोम जिव्हा तेरा नाम पुकारती,

आरती ओ मैया आरती,

ज्योतावालिये माँ तेरी आरती ॥


हे महालक्ष माँ गौरी,

तुम अपनी आप है जौहरी,

तेरी कीमत तू ही जाने,

तू बुरा भला पहचाने,

यह कहती दिन और राते,

तेरी लिखी ना जाए बाते,

कोई माने या ना माने,

हम भक्त तेरे दीवाने,

तेरे पाँव सारी दुनिया पखारती ।


मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती,

होंठो की हैं थालियां बोल फूल पाती,

रोम रोम जिव्हा तेरा नाम पुकारती,

आरती ओ मैया आरती,

ज्योतावालिये माँ तेरी आरती ॥


हे गुणवंती सतवंती,

हे पतवंती रसवंती,

मेरी सुनना यह विनंती,

मेरा चोला रंग बसंती,

हे दुःख भंजन सुखदाती,

हमें सुख देना दिन राती,

जो तेरी महिमा गाये,

मुह मांगी मुरादे पाए,

हर आँख तेरी और निहारती ।


मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती,

होंठो की हैं थालियां बोल फूल पाती,

रोम रोम जिव्हा तेरा नाम पुकारती,

आरती ओ मैया आरती,

ज्योतावालिये माँ तेरी आरती ॥


हे महाकाली महाशक्ति,

हमें दे दे ऐसी भक्ति,

हे जगजननी महामाया,

है तू ही धुप और छाया,

तू अमर अजर अविनाशी,

तू अनमिट पूरणमाशी,

सब करके दूर अंधेरे,

हमें बक्शो नए सवेरे।

तू तो भक्तों की बिगड़ी संवारती ।


मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती,

होंठो की हैं थालियां बोल फूल पाती,

रोम रोम जिव्हा तेरा नाम पुकारती,

आरती ओ मैया आरती,

ज्योतावालिये माँ तेरी आरती ॥


मन तेरा मंदिर आँखे दिया बाती,

होंठो की हैं थालियां बोल फूल पाती,

रोम रोम जिव्हा तेरा नाम पुकारती,

आरती ओ मैया आरती,

ज्योतावालिये माँ तेरी आरती ॥

........................................................................................................
मार्च 2025 हिंदू कैलेंडर

मार्च का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन और चैत्र महीने में बंटा होता है। इस महीने में प्रकृति अपने रंग-बिरंगे रूप में नज़र आती है। वसंत ऋतु की शुरुआत होती है और प्रकृति नए जीवन से भर जाती है।

20 फरवरी 2025 का पंचांग

पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है। इस तिथि पर शतभिषा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है।

शबरी जयंती कब है?

सनातन धर्म के पूज्यनीय ग्रंथ रामचरितमानस में शबरी की तपस्या और भगवान श्रीराम के प्रति निष्ठा भाव को दर्शाया गया है। रामचरितमानस में माता शबरी भगवान श्रीराम की अनन्य भक्तों में से एक खास भक्त थीं।

साल 2025 में दशहरा कब है

नवरात्रि की शुरुआत सितंबर माह से ही हो जाएगी। विजयादशमी के दिन भगवान राम ने लंका के राजा रावण का वध किया था। इसी कारण से इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang