मुझे दास बनाकर रख लेना (Mujhe Das Banakar Rakh Lena)

मुझे दास बनाकर रख लेना,

भगवान तू अपने चरणों में,

मुझे दास बनाकर रख लेना,

भगवान तू अपने चरणों में,

भगवान तू अपने चरणों में,

भगवान तू अपने चरणों में,

मुझें दास बनाकर रख लेना,

भगवान तू अपने चरणों में ॥


मैं भला बुरा हूँ तेरा हूँ,

मैं भला बुरा हूँ तेरा हूँ,

तेरे द्वार पे डाला डेरा हूँ,

तेरे द्वार पे डाला डेरा हूँ,

मुझे चाकर जान के रख लेना,

मुझे चाकर जान के रख लेना,

भगवान तू अपने चरणों में,

मुझें दास बनाकर रख लेना,

भगवान तू अपने चरणों में ॥


जब अधम से, अधम को तारा है,

जब अधम से, अधम को तारा है,

उसमे ही नाम हमारा है,

उसमे ही नाम हमारा है,

मुझे भार समझ कर रख लेना,

मुझे भार समझ कर रख लेना,

भगवान तू अपने चरणों में,

मुझें दास बनाकर रख लेना,

भगवान तू अपने चरणों में ॥


मुझे दास बनाकर रख लेना,

भगवान तू अपने चरणों में,

भगवान तू अपने चरणों में,

भगवान तू अपने चरणों में,

मुझें दास बनाकर रख लेना,

भगवान तू अपने चरणों में ॥

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तेरे दरबार मे मैया खुशी मिलती है (Tere Darbar Mein Maiya Khushi Milti Hai)

तेरी छाया मे, तेरे चरणों मे,
मगन हो बैठूं, तेरे भक्तो मे ॥

दुर्गा अष्टमी क्यों मनाई जाती है

मासिक दुर्गा अष्टमी हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी साधक मां दुर्गा की पूरी श्रद्धा और लगन से व्रत करता है। मां उन सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

फाल्गुन कृष्ण विजया नाम एकादशी व्रत (Phalgun Krishna Vijaya Naam Ekaadashi Vrat)

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने फिर भगवान् श्रीकृष्ण से पूछा कि अब आप कृपाकर फाल्गुन कृष्ण एकादशी का नाम, व्रत का विधान और माहात्म्य एवं पुण्य फल का वर्णन कीजिये मेरी सुनने की बड़ी इच्छा है।

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ (Japte Raho Subah Shaam Bholenath)

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,
जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ,

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