राधे जय जय माधव-दयिते
गोकुल-तरुणी-मंडल-महिते
दामोदर-रति-वर्धन-वेषे
हरि-निष्कुट-वृंदा-विपिनेशे
राधे जय जय माधव-दयिते
गोकुल-तरुणी-मंडल-महिते
वृषभानुदधि-नव-शशि-लेखे
ललिता-सखि गुण-रमित-विशाखे
राधे जय जय माधव-दयिते
गोकुल-तरुणी-मंडल-महिते
करुणां कुरु मयि करुणा-भरिते
सनक सनातन वर्णित चरिते
राधे जय जय माधव-दयिते
गोकुल-तरुणी-मंडल-महिते
सनातन धर्म में मौनी अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों में इस दिन स्नान और दान की पंरपरा सदियों से चली आ रही है। मौनी अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ का महीना 11वां होता है। इस माह में पड़ने वाले व्रत का विशेष महत्व होता है। इनमें मौनी अमावस्या भी शामिल है। माघ माघ की अमावस्या को मौनी अमावस्या भी कहा जाता है।
हिंदू धर्म में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव को समर्पित किया गया है। इस दिन को हर महीने मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। भक्तगण इस दिन व्रत रखते हैं और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं।
मौनी अमावस्या पर मौन रहने का नियम है। सनातन धर्म शास्त्रों में इस दिन स्नान और दान की पंरपरा सदियों से चली आ रही है। यह केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि का एक महत्वपूर्ण साधन भी है।