राधे जय जय माधव-दयिते
गोकुल-तरुणी-मंडल-महिते
दामोदर-रति-वर्धन-वेषे
हरि-निष्कुट-वृंदा-विपिनेशे
राधे जय जय माधव-दयिते
गोकुल-तरुणी-मंडल-महिते
वृषभानुदधि-नव-शशि-लेखे
ललिता-सखि गुण-रमित-विशाखे
राधे जय जय माधव-दयिते
गोकुल-तरुणी-मंडल-महिते
करुणां कुरु मयि करुणा-भरिते
सनक सनातन वर्णित चरिते
राधे जय जय माधव-दयिते
गोकुल-तरुणी-मंडल-महिते
जब जब पापी पाप बढ़ाए,धर्म पे ग्रहण लगाए।
त्रिसूलधारी पाप मिटाने, इस धरती पर आए॥
सदा भवानी दाहनी।
सदा भवानी दाहनी, सम्मुख रहें गणेश।
पांच देव रक्षा करें,
ब्रह्मा, विष्णु, महेश।
तेरी गोद में सर है, मैय्या
अब मुझको क्या डर है, मैय्या
दिल दिल दिल दिल दिल..माँ का दिल
दिल दिल दिल..माँ का दिल दिल दिल