वृंदावनी वेणु कवणाचा माये वाजे ।
वेणुनादें गोवर्धनु गाजे ॥
पुच्छ पसरूनि मयूर विराजे ।
मज पाहता भासती यादवराजे ॥
तृणचारा चरूं विसरली ।
गाई-व्याघ्र एके ठायीं जाली ।
पक्षीकुळें निवांत राहिलीं ।
वैरभाव समूळ विसरली ॥
वृंदावनी वेणु कवणाचा माये वाजे ।
वेणुनादें गोवर्धनु गाजे ॥
ध्वनी मंजुळ मंजुळ उमटती ।
वांकी रुणझुण रुणझुण वाजती ।
देव विमानीं बैसोनि स्तुती गाती ।
भानुदासा फावली प्रेम-भक्ति ॥
वृंदावनी वेणु कवणाचा माये वाजे ।
वेणुनादें गोवर्धनु गाजे ॥
माता रानी ने कृपा बरसाई
मेरी हर गल पूरी हुंडी आई
मैं तो अपने मोहन की प्यारी,
सजन मेरो गिरधारी,
मैं तो तेरी हो गई श्याम,
दुनिया क्या जाने,
मीरा दीवानी हो गयी रे, मीरा दीवानी हो गयी ।
मीरा मस्तानी हो गयी रे, मीरा मस्तानी हो गयी ॥