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देश के टॉप विश्वकर्मा मंदिर

देश के टॉप विश्वकर्मा मंदिर

Bhagwan Vishwakarma Mandir in India: ये हैं देश के सबसे बड़े विश्वकर्मा मंदिर, भाद्रपद महीने में होती भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा

भारत में भगवान विश्वकर्मा को निर्माण, वास्तुकला, शिल्पकला और तकनीकी ज्ञान के देवता के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु, शिव के अस्त्र-शस्त्र हों या इंद्रपुरी, द्वारका और लंका जैसे दिव्य नगरों का निर्माण विश्वकर्मा जी ने ही किया था। हर वर्ष भाद्रपद मास की विश्वकर्मा जयंती पर देशभर में कारीगर, इंजीनियर, शिल्पकार और उद्योगपति भगवान विश्वकर्मा की विशेष पूजा करते हैं। देश में कुछ प्रमुख मंदिर ऐसे हैं जहां भगवान विश्वकर्मा की विधिवत प्रतिमा स्थापित है और हर वर्ष भव्य आयोजन होता है।

1. विश्वकर्मा मंदिर, गुवाहाटी (असम)

यह देश का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित विश्वकर्मा मंदिर माना जाता है। यह मंदिर गुवाहाटी के प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर के पास स्थित है। यहां हर साल विश्वकर्मा जयंती पर विशाल श्रद्धा भाव के साथ आयोजन होता है। उत्तर-पूर्व भारत के कारीगरों और इंजीनियरों के लिए यह एक प्रमुख तीर्थस्थल है।

2. विश्वकर्मा मंदिर, अजमेर और पुष्कर (राजस्थान)

राजस्थान के अजमेर और पुष्कर में स्थित ये मंदिर जांगिड़ समाज द्वारा बनाए गए हैं। यहां विश्वकर्मा जयंती पर शोभायात्राएं, विशेष हवन, अन्नकूट और सामूहिक आयोजन होते हैं। इन मंदिरों में शिल्पकला और भवन निर्माण से जुड़े श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

3. विश्वकर्मा मंदिर, रतलाम (मध्य प्रदेश)

रतलाम शहर में स्थित यह मंदिर मध्य प्रदेश का एक प्रमुख विश्वकर्मा धाम है। यहां विश्वकर्मा समाज द्वारा प्रतिवर्ष भव्य आयोजन किया जाता है। लोग यहां नए औजारों, मशीनों और वाहन आदि की विधिपूर्वक पूजा करवाने आते हैं।

4. विश्वकर्मा मंदिर, पहाड़गंज, दिल्ली

नई दिल्ली के पहाड़गंज क्षेत्र में स्थित यह मंदिर राजधानी क्षेत्र में विश्वकर्मा जी का प्रमुख पूजा स्थल है। यहां हर शुक्रवार और विशेष अवसरों पर दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ जाती है। विश्वकर्मा जयंती पर यहां विशेष झांकियां और दीप प्रज्ज्वलन होता है।

5. विश्वकर्मा मंदिर, जयपुर (राजस्थान)

अमागढ़ की पहाड़ियों के नीचे स्थित जयपुर का यह मंदिर 18वीं सदी में बसाई गई राजधानी के साथ स्थापित हुआ था। इसे राजस्थान का सबसे प्राचीन विश्वकर्मा मंदिर माना जाता है। यहां राजस्थानी स्थापत्य का सुंदर नमूना भी देखने को मिलता है।

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हे राजा राम तेरी आरती उतारूँ
आरती उतारूँ प्यारे तुमको मनाऊँ,

हे राम भक्त हनुमान जी, मुझे ऐसी भक्ति दो(Hey Ram Bhakt Hanuman Ji Mujhe Aisi Bhakti Do)

हे राम भक्त हनुमान जी,
मुझे ऐसी भक्ति दो,

हे राम भक्त हनुमान तुझे, मैंने तो अब पहचान लिया(Hey Ram Bhakt Hanuman Tujhe Maine To Ab Pehchan liya)

हे राम भक्त हनुमान तुझे,
मैंने तो अब पहचान लिया,

हे राम, हे राम (Hey Ram, Hey Ram)

हे राम, हे राम
जग में साचो तेरो नाम

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