Bhuvaneshwari Jayanti 2025: कब है भुवनेश्वरी जयंती, जानें मां भुवनेश्वरी की पूजा विधि, महत्व और लाभ
भुवनेश्वरी जयंती का पर्व देवी शक्ति के उपासकों के लिए विशेष महत्व रखता है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार, मां भुवनेश्वरी, जिन्हें संपूर्ण ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री शक्ति माना जाता है, उनकी पूजा से समृद्धि, सौभाग्य और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसलिए भुवनेश्वरी जयंती के दिन भक्तगण मां की विशेष रूप से पूजा करते हैं और अपनी मंगलकामना का आशीर्वाद मांगते हैं।।
इस साल गुरुवार को मनाई जाएगी भुवनेश्वरी जयंती
भुवनेश्वरी जयंती भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह पावन पर्व 4 सितंबर, गुरुवार को मनाया जाएगा, क्योंकि पंचांग के अनुसार इस दिन भाद्रपद शुक्ल द्वादशी की तिथि पड़ रही है।
मां भुवनेश्वरी पूजा से प्राप्त होता है ऐश्वर्य
- मां भुवनेश्वरी की पूजा करने से धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। जीवन में स्थिरता आती है और कठिन परिस्थितियों से निकलने की राह मिलती है।
- मां की आराधना से मानसिक बल, आत्मविश्वास और आंतरिक शांति मिलती है। साथ ही, भक्तों के सभी प्रकार के भय और कष्ट दूर होते हैं।
मां भुवनेश्वरी को अर्पित करें लाल फूल
- ब्रह्म मुहूर्त पर उठकर स्नान करें। पूजा स्थल को शुद्ध जल से साफ करें और वहां स्वच्छ आसन बिछाएं।
- व्रत का संकल्प लेकर मां भुवनेश्वरी का ध्यान करें और पूजा सामग्री पहले से तैयार रखें।
- लाल फूल, लाल सिंदूर, अक्षत (चावल) और दूध से बनी मिठाई का भोग देवी को अर्पित करें।
- पूजा स्थल पर घी का दीपक जलाएं और ध्यानपूर्वक मां का स्मरण करें।
- ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भुवनेश्वर्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र मां की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ साधन है।
- अंतिम में घंटी बाजा कर मां भुवनेश्वरी की आरती करें।
- पूजा के बाद भोग को प्रसाद रूप में किसी स्त्री को दे और बाकी बचा हुआ प्रसाद परिवारजनों में बांटें।