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क्या सच में होते हैं इच्छाधारी सांप?

क्या सच में होते हैं इच्छाधारी सांप?

Ichchadhari Nag: क्या सच में होते हैं इच्छाधारी नाग, इनके पास मणि भी होती है? जानें सच्चाई

नागपंचमी के मौके पर एक तरफ जहां सांपों की पूजा की जाती है, वहीं दूसरी ओर उनसे जुड़ी कई मान्यताएं और अंधविश्वास भी सदियों से हमारे समाज में प्रचलित हैं। फिल्मों, लोककथाओं और किंवदंतियों के जरिए यह विश्वास और भी गहराता गया कि कुछ सांप इच्छाधारी होते हैं, बदला लेते हैं या उनके पास मणि होती है। लेकिन विज्ञान इन सभी बातों को सिरे से खारिज करता है।

क्या होते हैं इच्छाधारी सांप?

लोकमान्यता है कि कुछ सांप अपना रूप बदल सकते हैं, जिन्हें इच्छाधारी कहा जाता है। लेकिन सर्प वैज्ञानिक और जीवविज्ञानी साफ कहते हैं कि यह पूरी तरह मनुष्य की कल्पना है। विज्ञान के अनुसार सांपों में इस प्रकार की कोई विशेष मानसिक या शारीरिक क्षमता नहीं होती कि वे अपनी आकृति या रूप बदल सकें। ये मान्यता अधिकतर पौराणिक कथाओं और फिल्मों से फैली है, न कि किसी वैज्ञानिक प्रमाण से।

क्या सांपों के पास मणि होती है?

अक्सर सुना जाता है कि कुछ सांपों के पास मणि होती है जो चमत्कारी होती है। पर अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक या भौतिक प्रमाण नहीं मिला है जो इस बात को सिद्ध कर सके। तमिलनाडु की इरुला जनजाति, जो सांपों को पकड़ने में विशेषज्ञ मानी जाती है, वह भी इस दावे को नकारती है। यह केवल मनुष्यों की कल्पनाओं में रचा गया एक मिथक है।

क्या सांप लेते हैं बदला?

कहते हैं कि अगर कोई सांप मारा जाता है तो उसका जोड़ा उसका बदला लेता है। पर विशेषज्ञों का कहना है कि सांपों का मस्तिष्क इतना विकसित नहीं होता कि वे किसी घटना को याद रखें और बदला लेने जैसी कोई योजना बना सकें। यह धारणा पूरी तरह से अंधविश्वास पर आधारित है।

क्या बीन की धुन पर नाचते हैं सांप?

यह आम दृश्य होता है जब कोई सपेरा बीन बजाता है और सांप उसे देखकर हिलता है, लेकिन सच यह है कि सांप के कान ही नहीं होते। वह बीन की ध्वनि नहीं सुनता, बल्कि केवल उसकी हरकतों पर प्रतिक्रिया देता है। जब सपेरा बीन को लहराता है, तो सांप उसके साथ सिर घुमाता है, जिससे भ्रम होता है कि वह धुन पर नाच रहा है।

क्या सांप उड़ते हैं या चंदन के पेड़ पर लिपटते हैं?

कुछ सांप पेड़ों से पेड़ों पर छलांग लगाते हैं जिससे लगता है कि वे उड़ रहे हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। वहीं चंदन के पेड़ से सांपों का लगाव भी वैज्ञानिक दृष्टि से देखा गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, चंदन, रजनीगंधा या चमेली जैसे पेड़ सुगंधित होते हैं और सांपों की सूंघने की क्षमता बेहद तीव्र होती है। इसलिए वे ऐसी जगहों पर अक्सर देखे जाते हैं।

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अक्षय तृतीया पूजा विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर किए गए पुण्य कर्म, दान और पूजा का फल अक्षय (अविनाशी) होता है।

अक्षय तृतीया पर नमक क्यों खरीदते हैं?

अक्षय तृतीया एक अत्यंत शुभ और पवित्र तिथि मानी जाती है। यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है, जिसे ‘अबूझ मुहूर्त’ कहा जाता है। यानी इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती।

अक्षय तृतीया चालीसा पाठ

अक्षय तृतीया अत्यंत शुभ और फलदायी तिथि मानी जाती है। हिंदू धर्म में यह पर्व विशेष महत्व रखता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका फल अक्षय अर्थात् कभी नष्ट न होने वाला होता है। इस दिन धन, सौभाग्य और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी की विधिवत रूप से पूजा की जाती है।

अक्षय तृतीया गृह प्रवेश मुहूर्त

अक्षय तृतीया अत्यंत शुभ और पवित्र तिथि मानी जाती है। इसे ‘अबूझ मुहूर्त’ भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है।

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