Weekly Vrat Tyohar 23 To 30 June 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार जून का चौथा सप्ताह धार्मिक दृष्टि से काफी खास है। इस हफ्ते कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आ रहे हैं, जिनमें भगवान शिव, विष्णु, गणेश और देवी शक्ति की पूजा का विशेष महत्व रहेगा। इसके अलावा जगन्नाथ पुरी की भव्य रथ यात्रा भी इसी सप्ताह होगी, जो देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। ऐसे में आइए जानते हैं 23 से 30 जून 2025 तक के प्रमुख व्रत-त्योहारों की पूरी जानकारी।
हफ्ते की शुरुआत बेहद पावन दिन से हो रही है। पंचांग के अनुसार, 23 जून को सोम प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि दोनों ही मनाए जाएंगे। सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है, जिसे त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। यह दिन विशेष रूप से शिवभक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन उपवास रखकर शाम के समय शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध आदि चढ़ाए जाते हैं। साथ ही मासिक शिवरात्रि भी इसी दिन है, जिसमें रात्रि के समय जागरण और शिव अभिषेक किया जाता है।
24 जून को रोहिणी व्रत रखा जाएगा, जो खासकर जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा किया जाता है। यह व्रत मुख्यतः महिलाओं द्वारा रखा जाता है और इसका उद्देश्य परिवार की सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होता है। इस दिन रोहिणी नक्षत्र में पूजा करने का विशेष महत्व होता है।
यह दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए खास होता है। अमावस्या तिथि पर तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इस दिन गंगा स्नान व दान-पुण्य करने से पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है। जिनकी कुंडली में पितृ दोष हो, वे इस दिन विशेष पूजा-अर्चना कर इससे छुटकारा पा सकते हैं।
अमावस्या के अगले दिन चंद्र दर्शन का महत्व होता है। इस दिन पहली बार रात के समय चांद दिखने पर उसे देखकर प्रार्थना की जाती है। इसी दिन से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि भी शुरू होगी, जो 10 दिनों तक चलेगी। इस नवरात्रि में साधक गुप्त साधनाएं और तंत्र पूजा करते हैं। यह समय मां दुर्गा और उनके नव रूपों की आराधना के लिए बहुत ही खास होता है।
पुरी, ओडिशा में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा इस दिन निकाली जाएगी। यह भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा तीन विशाल रथों में सवार होकर गुंडिचा मंदिर तक जाते हैं। लाखों भक्त इस यात्रा में भाग लेते हैं और इसे टीवी और सोशल मीडिया पर भी लाइव देखा जा सकता है।
इस दिन भगवान गणेश की चतुर्थी तिथि है। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और गणपति बप्पा से विघ्नों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं। सुबह स्नान कर गणेश जी को दूर्वा, मोदक और फूल चढ़ाकर पूजा की जाती है।
हफ्ते का समापन फिर से एक शुभ दिन से हो रहा है। इस दिन कुमार षष्ठी का पर्व मनाया जाएगा जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इसके अलावा सोमवार व्रत भी रखा जाएगा, जिसमें भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।
हिंदू धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि, रिद्धि-सिद्धि का देवता माना जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से गणपति की पूजा और व्रत किया जाता है।
कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,
नंदलाला घनश्याम रे,
क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध
कुछ नहीं बिगड़ेगा तेरा,
हरी शरण आने के बाद ।