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नाग पंचमी पर इन 7 मंदिरों के करें दर्शन

नाग पंचमी पर इन 7 मंदिरों के करें दर्शन

Nag Panchami Mandir: भारत के 7 फेमस रहस्यमयी नाग मंदिर, नाग पंचमी पर पूजा करने से दूर होती है ये बड़ी बाधा

नाग देवता भारतीय संस्कृति और धर्म में बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उन्हें धन, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। खासकर नाग पंचमी का त्योहार नागों की पूजा-अर्चना का प्रमुख अवसर होता है। इस दिन भक्तगण नाग देवताओं के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हैं और उनसे जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति की कामना करते हैं। देशभर में कई ऐसे प्राचीन और रहस्यमयी नाग मंदिर हैं, जहां नाग पंचमी के अवसर पर विशेष पूजा होती है और यहां की पूजा से कालसर्प दोष सहित कई ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। आइए जानें भारत के 7 प्रमुख नाग मंदिरों के बारे में, जहां नाग पंचमी पर जाकर पूजा करने का विशेष फल मिलता है।

1. नागचंद्रेश्वर मंदिर, उज्जैन

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर एक अत्यंत रहस्यमयी और प्राचीन स्थान है। यह मंदिर भगवान शिव के अनूठे रूप को दर्शाता है जहाँ शिव जी सर्प शय्या पर विराजमान हैं। मंदिर की स्थापना 11वीं शताब्दी की बताई जाती है और कहा जाता है कि यह मूर्ति नेपाल से लाई गई थी। मंदिर के द्वार केवल साल में एक बार, नाग पंचमी के दिन ही भक्तों के लिए खुले होते हैं। इस दिन त्रिकाल पूजा एवं आरती होती है। पूजा करने से कालसर्प दोष शांति, पारिवारिक सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।

2. सेम मुखेम नागराजा मंदिर, उत्तराखंड

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में सेममुखेम नागराजा मंदिर अत्यंत प्रसिद्ध है। यह मंदिर नाग देवता को समर्पित है और यहां नाग पंचमी पर विशेष पूजा-अर्चना होती है। श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामनाएं पूरी करने और दोषों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। इस मंदिर की विशेषता है कि यहां सांपों को बेहद श्रद्धा से पूजा जाता है और नाग देवता की कृपा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

3. वासुकी नाग मंदिर, प्रयागराज

प्रयागराज में यमुना नदी के किनारे स्थित वासुकी नाग मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है। वासुकी नाग भगवान शिव के गले के नागों में प्रमुख हैं। यहाँ नाग पंचमी के अवसर पर बड़े स्तर पर पूजा होती है। माना जाता है कि यहां की पूजा से राहु-केतु दोषों का शमन होता है और जीवन में शुभ परिवर्तन आते हैं। पूरे श्रावण मास में भी यहां नाग देवता एवं शिव की आराधना की जाती है।

4. त्र्यंबकेश्वर मंदिर, महाराष्ट्र

त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है और ज्योतिर्लिंग के रूप में भी प्रसिद्ध है। यहां नाग देवता के साथ शिव जी की पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन यहां रुद्राभिषेक एवं विशेष अनुष्ठान संपन्न होते हैं। यह पूजा कालसर्प दोष निवारण में अत्यंत प्रभावकारी मानी जाती है। यहां आने वाले श्रद्धालु नाग देवताओं की कृपा से पारिवारिक एवं सामाजिक कलह से मुक्ति पाते हैं।

5. मन्नारशाला नाग मंदिर, केरल

मन्नारशाला मंदिर केरल के प्रमुख नाग मंदिरों में से एक है। यह मंदिर अपने रहस्यमयी और पौराणिक कथाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां नाग देवता की पूजा से रोग-व्याधि, दुर्भाग्य और अन्य बाधाएं दूर होती हैं। नाग पंचमी पर यहाँ भक्तों की भारी भीड़ रहती है जो विशेष पूजा-अर्चना में भाग लेते हैं।

6. तक्षकेश्वर मंदिर, प्रयागराज

यह मंदिर प्रयागराज के दरियाबाद इलाके में यमुना नदी के किनारे स्थित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां पाताल लोक के आठ प्रमुख नागों के स्वामी नाग देवता विराजमान हैं। नाग पंचमी और शुक्लपक्ष की पंचमी को विशेष पूजा होती है। इस पूजा से कालसर्प दोष दूर होता है, और मानसिक तथा पारिवारिक शांति आती है। पूरे श्रावण मास यहां शिव और नाग देवताओं की आराधना की जाती है।

7. कर्कोटक नाग मंदिर, नैनीताल (उत्तराखंड)

कर्कोटक नाग मंदिर नैनीताल के भीमताल क्षेत्र में स्थित है। सनातन परंपरा में कर्कोटक नाग को नागों का राजा माना जाता है। नाग पंचमी के दिन यहां की पूजा का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि यहां विधि-विधान से पूजा करने से सुख-समृद्धि, सौभाग्य और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इस मंदिर की पवित्रता और श्रद्धा से यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु नाग देवता के आशीर्वाद के लिए आते हैं।

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