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नागपंचमी पर कालसर्प दोष मुक्ति के उपाय

नागपंचमी पर कालसर्प दोष मुक्ति के उपाय

Nag Panchami Upay: नाग पंचमी पर शिवलिंग पर अर्पित कर दें ये 5 चीजें, कालसर्प दोष से मिल जाएगी मुक्ति

नाग पंचमी का त्योहार इस साल 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इस दिन का खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से विष और भय का नाश होता है। लेकिन इसके साथ ही यह दिन भगवान शिव की आराधना के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि भगवान शिव के गले में वासुकी नाग सुशोभित हैं। कहा जाता है कि इस दिन विशेष सामग्रियां शिवलिंग पर चढ़ाने से न सिर्फ भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं, बल्कि कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष का असर भी कम हो जाता है।

अगर आप भी शिव कृपा के साथ-साथ कालसर्प दोष से राहत चाहते हैं तो नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पर ये 5 चीजें जरूर अर्पित करें। 

1. कच्चा दूध – कालसर्प दोष से राहत दिलाए

नाग पंचमी पर शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष शांत होता है और जीवन में आ रही रुकावटें दूर होने लगती हैं। साथ ही मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।

2. धतूरा – शिव का प्रिय पुष्प

भगवान शिव को धतूरा अत्यंत प्रिय है। नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पर धतूरा अर्पित करने से न केवल रोगों से मुक्ति मिलती है बल्कि आर्थिक स्थिति में भी सुधार आता है। इससे घर में दरिद्रता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

3. काले तिल – दोषों का नाश करें

कहा जाता है कि जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनकी कुंडली में नाग या राहु-केतु से जुड़े दोष हैं। इससे जीवन में संतुलन और स्थिरता आती है।

4. बेलपत्र – मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए

बेलपत्र अर्पित करना शिव पूजा का अनिवार्य अंग माना गया है। नाग पंचमी के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यह उपाय मानसिक तनाव को दूर करने और पारिवारिक सुख-शांति बढ़ाने में भी सहायक होता है।

5. अक्षत और चंदन – समृद्धि और शांति का प्रतीक

शिवलिंग पर अक्षत (साफ और बिना टूटे चावल) और चंदन अर्पित करने से जीवन में समृद्धि आती है। चंदन की शीतलता से घर के वातावरण में शांति बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

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छठ के सिंदूर का महत्व

छठ पूजा के पावन पर्व पर व्रती महिलाएं नाक से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर लगाती हैं, जिसे पति की लंबी आयु, सम्मान और परिवार की समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

छठ पूजा और मिट्टी के हाथी

छठ पूजा उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार है। जिसमें सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है। इस महापर्व में मिट्टी के हाथी और कोसी भराई की पवित्र परंपरा का विशेष महत्व है।

दीपावली पर सूप पीटने की पंरपरा

दीपावली का पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन बिहार और यूपी के गांवों में इसे मनाने का एक अनूठा तरीका है। यहां दीपावली की रात महिलाएं सूप पीटने की परंपरा निभाती हैं।

दक्षिण भारत की दीवाली

दिवाली भारत का सबसे प्रमुख त्योहार है। लेकिन इसे देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है। उत्तर भारत में यह भगवान राम की अयोध्या वापसी की खुशी में मनाई जाती है।

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