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पितृपक्ष 2025 दशमी श्राद्ध मुहूर्त

पितृपक्ष 2025 दशमी श्राद्ध मुहूर्त

Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष का दशमी श्राद्ध, इस मुहूर्त में करें तर्पण और श्राद्ध कर्म की विधि

पितृपक्ष में हर तिथि का अपना विशेष महत्व है। पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध अनुष्ठान किया जाता है। इस बार दशमी श्राद्ध मंगलवार, 16 सितम्बर 2025 को पड़ रहा है। जिन परिवारजनों का निधन दशमी तिथि को हुआ हो, उनके लिए इस दिन पिंडदान और तर्पण करना श्रेष्ठ माना गया है।

पंचांग और मुहूर्त

  • कुतुप मुहूर्त – 11:28 एएम से 12:17 पीएम (49 मिनट)
  • रौहिण मुहूर्त – 12:17 पीएम से 01:06 पीएम (49 मिनट)
  • अपराह्न काल – 01:06 पीएम से 03:33 पीएम (02 घण्टे 27 मिनट)
  • दशमी तिथि प्रारंभ – 16 सितम्बर 2025 को 02:01 एएम
  • दशमी तिथि समाप्त – 17 सितम्बर 2025 को 12:51 एएम

श्राद्ध के लिए कुतुप और रौहिण मुहूर्त को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। अपराह्न काल में भी श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है।

दशमी श्राद्ध का महत्व

धर्मशास्त्रों के अनुसार, दशमी तिथि को किए गए श्राद्ध से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वे संतानों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। जिन लोगों के परिवार में दशमी तिथि को मृत्यु हुई हो, उनके लिए यह दिन विशेष रूप से पवित्र है।

मान्यता है कि दशमी तिथि पर श्राद्ध करने से परिवार में स्थिरता आती है, संतान का जीवन सुरक्षित रहता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। पितरों का आशीर्वाद मिलने से आर्थिक उन्नति और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं।

श्राद्ध विधि

दशमी श्राद्ध करने के लिए सुबह स्नान और संकल्प के बाद पितरों का ध्यान किया जाता है।

  • पवित्र आसन पर बैठकर पिंडदान किया जाता है।
  • तर्पण में तिल, चावल और जल का उपयोग किया जाता है।
  • ब्राह्मणों को भोजन और दान दिया जाता है।
  • अंत में पितरों से आशीर्वाद की कामना की जाती है।

शास्त्रों में कहा गया है – "श्राद्धेन तर्पिता ये तु प्रीयन्ते पितरः सदा।" अर्थात श्राद्ध और तर्पण से पितर प्रसन्न होकर परिवार पर कृपा करते हैं।

क्या करें और क्या न करें

  • इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।
  • मांस, मदिरा और नकारात्मक आचरण से बचना चाहिए।
  • ब्राह्मण, गरीब और गौसेवा को विशेष महत्व देना चाहिए।
  • श्राद्ध के समय मन और वाणी को शांत और संयमित रखना चाहिए।

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