सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भक्त भगवान गणेश की आराधना कर सुख-समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं। संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी। इस वर्ष यह तिथि खास इसलिए भी है क्योंकि इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन ध्रुव योग, भद्रावास योग और शिववास योग का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी विशेष बनाता है। इन योगों में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। आइए जानते हैं भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त और इन विशेष योगों का महत्व।
हिंदू पंचांग के अनुसार, भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
इस वर्ष भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस व्रत को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। इन योगों में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है।
संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखकर विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इस दिन की जाने वाली पूजा विधि इस प्रकार है:
पूजा विधि:
व्रत के लाभ:
तमिल कैलेंडर के मुताबिक, साल 2024 में हनुमान जयंती 30 दिसंबर को मनाई जाएगी। हनुमान जयंती पहले चैत्र माह की पूर्णिमा को फिर कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।
जय जय जय हनुमान अडंगी ।
महावीर विक्रम बजरंगी ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
तमिलनाडु में हनुमान जयंती मार्गशीर्ष अमावस्या के दौरान मनाई जाती है। यह दिन हनुमान जी को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, हनुमान जी शक्ति, भक्ति और निस्वार्थ सेवा के प्रतीक हैं।