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सावन दूसरे सोमवार पर 4 राशियों को लाभ

सावन दूसरे सोमवार पर 4 राशियों को लाभ

Sawan Ekadashi Rashifal: सावन के दूसरे सोमवार पर एकादशी का दुर्लभ संयोग, इन 4 राशियों पर होगी विशेष कृपा

श्रावण मास का प्रत्येक सोमवार धार्मिक दृष्टि से अत्यंत फलदायी माना गया है, लेकिन जब सोमवार के दिन एकादशी जैसे पुण्यदायी व्रत का संयोग बने, तो यह दिन दुर्लभ और चमत्कारी माना जाता है। वर्ष 2025 में सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को पड़ेगा, और इसी दिन कामिका एकादशी भी मनाई जाएगी। यह संयोग अत्यंत लाभदायक है क्योंकि इस दिन वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का भी विशेष मेल बन रहा है।

सिंह राशि (Leo)

  • इस राशि के जातकों के लिए यह दिन विशेष फलदायी है।
  • नौकरी और व्यापार में नई संभावनाएं बनेंगी।
  • अचानक धन लाभ या प्रॉपर्टी से लाभ हो सकता है।
  • रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।
  • जो लोग किसी नई जिम्मेदारी की प्रतीक्षा में हैं, उन्हें शुभ समाचार मिल सकता है।

मेष राशि (Aries)

  • इस दिन धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी और मन को शांति मिलेगी।
  • कार्यस्थल पर सम्मान प्राप्त होगा और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
  • पुराने निवेश से अचानक लाभ हो सकता है।
  • विवाह योग्य जातकों के लिए उत्तम योग बन सकते हैं।

वृषभ राशि (Taurus)

  • घर में कोई मंगल कार्य संपन्न हो सकता है।
  • आर्थिक क्षेत्र में मजबूती आएगी और नए स्रोतों से आमदनी बढ़ेगी।
  • धन से संबंधित कोई रुका हुआ मामला हल हो सकता है।
  • माता-पिता से सहयोग प्राप्त होगा।

धनु राशि (Sagittarius)

  • इस दिन आप जितना मेहनत करेंगे, उतना ही बड़ा फल मिलेगा।
  • विदेश से जुड़े कार्यों या पढ़ाई में सफलता के संकेत हैं।
  • किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति से मुलाकात जीवन में नया मोड़ ला सकती है।
  • घर-परिवार में प्रसन्नता और सौहार्द बना रहेगा।

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हरिद्वार में कब लगेगा कुंभ मेला

हिंदू धर्म में कुंभ मेले का अत्यधिक महत्व है। इसे विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। इस वर्ष महाकुंभ मेला 13 जनवरी से प्रारंभ हो रहा है और 26 फरवरी को समाप्त होगा।

कुंभ स्नान के लिए ये 10 महत्वपूर्ण तिथियां

महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक आयोजन है, जो 12 साल में एक बार होता है। वर्ष 2025 में यह मेला प्रयागराज में आयोजित हो रहा है, जहां लाखों श्रद्धालु मोक्ष की प्राप्ति के लिए पवित्र स्नान करेंगे।

कितने जगह में फैला है कुंभ, जानें कौन सी चीजें कहां हैं

हिंदू तिथि के अनुसार, हर 12 साल में पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ महाकुंभ की शुरुआत होती है और महाशिवरात्रि पर खत्म होता है।

नागवासुकी मंदिर, प्रयागराज

प्रयागराज, धर्म और आस्था की पवित्र नगरी, इन दिनों महाकुंभ की तैयारियों में जुटी है। संगम नगरी में लगने वाले इस महोत्सव में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु स्नान और पूजा के लिए पहुंचने वाले हैं। इस धार्मिक आयोजन के दौरान प्रयागराज के प्रमुख घाटों के साथ-साथ यहां के ऐतिहासिक और पौराणिक मंदिरों के दर्शन करना भी एक खास अनुभव होता है।

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