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वामन जयंती 2025 कब है

 वामन जयंती 2025 कब है

Vaman Jayanti 2025: भगवान विष्णु के पांचवें अवतार वामन देव की जयंती, जानें तिथि-शुभ मुहूर्त और पूजा विधि 

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के महीना में शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि पर वामन जयंती मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु के पांचवें अवतार, वामन देव का जन्मोत्सव है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार, असुरराज बलि ने जब तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया था तभी एक छोटे ब्राह्मण बालक का आगमन हुआ। ऐसा कहा जाता है, देवताओं को अत्याचार से मुक्त करने के लिए भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण किया। इसलिए यह एकादशी विशेष स्थान रखता है। 

वामन जयंती तिथि और पूजा मुहूर्त 

पंचांग के अनुसार, 4 सितंबर 2025, गुरुवार के दिन वामन जयंती मनाया जाएगा। द्वादशी तिथि का आरंभ 4 सितंबर, सुबह 4:21 बजे होगा और समाप्ति 5 सितंबर, सुबह 4:08 बजे, लेकिन सूर्योदय के बाद पूजा पूर्ण मानी जाती है। पूजन का श्रेष्ठ समय प्रातःकाल से मध्याह्न तक माना गया है।

  • वामन भगवान को अर्पित करें पीले रंग की चीजें
  • वामन जयंती पर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। 
  • घर या मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने वामन अवतार का ध्यान करें। 
  • पीले पुष्प, तुलसी दल, चंदन और नैवेद्य अर्पित करें। विशेषकर पीली वस्तुएँ, क्योंकि वामन देव को पीला रंग प्रिय है।
  • व्रत रखने वाले दिन भर उपवास या फलाहार करते हैं। साथ ही, विष्णु सहस्रनाम का पाठ, वामन स्तोत्र का जप और गीता के श्लोकों का पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है।
  • इस दिन अन्न, वस्त्र, और दक्षिणा का दान भी किया जाता है क्योंकि वामन अवतार का संदेश है की ‘दान और धर्म से बड़ा कोई बल नहीं’।

वामन जयंती पर निकाली जाती है झांकी 

गाँवों और मंदिरों में इस दिन विशेष आयोजन होते हैं। कथा-वाचन, भजन-कीर्तन, साथ ही बच्चों को ब्राह्मण वेश में सजाकर वामन देव की झाँकी निकाली जाती है। झाँकी से लोगों को याद दिलाया जाता है की अहंकार चाहे कितना भी बड़ा हो, भगवान की पूजा में ही असली सुख है।

वामन जयंती केवल एक पर्व नहीं। ये एक स्मृति है कि धर्म की रक्षा, संतुलन और भक्ति की स्थापना के लिए भगवान हर युग में अवतार लेते हैं, चाहे रूप छोटा हो या बड़ा। 

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