Aaj Ka Panchang 25 July 2025: आज 25 जुलाई 2025 को श्रावण माह का 16वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, श्रावण माह के शुक्ल पक्ष तिथि प्रतिपदा है। आज शुक्रवार का दिन है। इस दिन सूर्य देव कर्क राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा भी कर्क राशि में रहेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 12:00 पी एम से 12:55 पी एम बजे तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 10:45 ए एम से 12:28 पी एम बजे तक रहेगा। आज कोई विशेष त्योहार या व्रत नहीं है, लेकिन वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
श्रावण शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 12:40 ए एम, जुलाई 25
श्रावण शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि समाप्त- 11:22 पी एम, जुलाई 25
शुक्रवार का व्रत- आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है।
शुक्रवार के उपाय - शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सौंदर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी को कमल का फूल, सफेद वस्त्र और मिष्ठान अर्पित करना शुभ माना जाता है। शुक्रवार के उपायों में लक्ष्मी मंत्रों का जाप करना, लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना और देवी लक्ष्मी की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से शुक्र ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। शुक्रवार के दिन विशेष रूप से सफेद वस्त्र, चावल और दही का दान करना लाभदायक होता है।
प्रयागराज में संगम पर लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं। यदि आप पितृ दोष से पीड़ित हैं या अपने पूर्वजों की विशेष कृपा पाना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए बेहद उपयुक्त है। मान्यता है कि पितृ नाराज होने पर जातक की कुंडली में पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है।
अघोरी बाबा महाकुंभ में आकर्षण केंद्र हैं। अघोरी साधु तंत्र साधना करते हैं। अघोरियों को डरावना और खतरनाक प्रकार का साधु भी माना जाता है। अघोर बनने की पहली शर्त है अपने मन से घृणा को निकाल देना।
यमुना नदी का महत्व भारतीय संस्कृति, इतिहास और धर्म में बेहद खास है। यह केवल एक नदी नहीं है, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था, जीवन और सभ्यता की आधारशिला है। इस संगम स्थल को "त्रिवेणी संगम" कहा जाता है।
13 जनवरी 2025, से शुरू हुआ महाकुंभ हिंदू धर्म में आस्था, विश्वास और श्रद्धा का अनूठा संगम है। महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम पर साधु-संत, संन्यासी, भक्त और श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। साथ ही इस समय कई लोग कल्पवास भी करते हैं।