Aaj Ka Panchang 20 July 2025: आज 20 जुलाई 2025 को श्रावण माह का 10वां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, श्रावण माह के कृष्ण पक्ष तिथि दशमी है। आज रविवार का दिन है। सूर्य देव कर्क राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 06:12 ए एम बजे तक मेष राशि में रहेंगे। इसके बाद वृषभ राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज रविवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 12:00 पी एम से 12:55 पी एम बजे तक है। इस दिन राहुकाल 05:36 पी एम से 07:19 पी एम बजे तक रहेगा। आज मासिक कार्तिगाई है। साथ ही वार के हिसाब से आप रविवार का व्रत रख सकते हैं, जो सूर्य देव को समर्पित होता है। साथ ही आज कुछ समय के लिए भद्रा का साया रहेगा। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
श्रावण कृष्ण पक्ष दशमी तिथि प्रारंभ- 02:41 पी एम, जुलाई 19
श्रावण कृष्ण पक्ष दशमी तिथि समाप्त- 12:12 पी एम, जुलाई 20
रविवार के उपाय - रविवार के दिन भगवान सूर्य और आदित्य की पूजा करने से जीवन में ऊर्जा, आत्मविश्वास और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान सूर्य को तांबे के बर्तन में जल भरकर अर्घ्य देना, लाल वस्त्र और गुड़ अर्पित करना शुभ माना जाता है। रविवार के उपायों में सूर्य मंत्रों का जाप करना, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना और भगवान सूर्य की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से सूर्य ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। रविवार के दिन विशेष रूप से तांबे की वस्तुओं का दान करना, गुड़ और गेहूं का दान करना लाभदायक होता है।
सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। साल में दो एकादशी बड़ी एकादशी मानी जाती है, जिसका महत्व साल भर में पड़ने वाली सभी एकादशी के बराबर होता है।
एकादशी व्रत आध्यात्मिक शुद्धि से संबंधित एक पवित्र त्योहार के रूप में मनाई जाती है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है जो जगत के रक्षक माने जाते हैं।
सनातन धर्म और उसकी परंपराएं जितनी पवित्र हैं, उतनी ही सामाजिक और वैज्ञानिक दृष्टि से तार्किक भी। ऐसे कई रीति-रिवाज, मान्यताएं और नियम हैं जो सनातन परंपरा का हिस्सा हैं।
सनातन धर्म को मानने वाले यह जानते हैं कि हमारे धर्म में सम्मान स्वरूप, आदर स्वरूप, शुभ कार्य की शुरुआत और ऐसे कई मौकों पर माथे पर तिलक लगाने की परंपरा है।