2025 में कर्क संक्रांति का पर्व 16 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्यदेव मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिसे कर्क संक्रांति कहा जाता है। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, क्योंकि सूर्य के राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियों के जीवन में बदलाव देखने को मिलते हैं। सूर्य को ज्योतिष शास्त्र में आत्मा, मान-सम्मान, पिता और ऊर्जा का कारक माना गया है। सूर्य जब अपनी उत्तरायण गति छोड़कर दक्षिणायन होते हैं, तो यह संक्रांति विशेष रूप से धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जाती है।
मेष राशि के जातकों के लिए यह गोचर कुछ समस्याएं ला सकता है। घरेलू तनाव, माता के स्वास्थ्य में गिरावट और मानसिक बेचैनी की संभावना है। निर्णयों में जल्दबाजी से बचें।
वृषभ राशि वालों को पारिवारिक कलह और आपसी संबंधों में खटास का सामना करना पड़ सकता है। वाणी पर संयम रखें और घर के बड़े-बुज़ुर्गों से संबंध मधुर बनाएं।
कर्क राशि के जातकों के लिए यह समय शुभ संकेत लेकर आ सकता है, विशेषकर जो लोग सरकारी सेवा में हैं या प्रशासनिक क्षेत्र में कार्यरत हैं। पदोन्नति या मान-सम्मान मिलने की संभावना है।
सिंह राशि वालों के आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। हालांकि यह समय विशेष लाभदायक नहीं कहा जा सकता, परंतु मानसिक रूप से मजबूत रहेंगे और अपने कार्यक्षेत्र में सामान्य प्रगति करेंगे।
वृश्चिक राशि के लिए भाग्य का साथ मिलेगा। धार्मिक और आध्यात्मिक रुचियों में वृद्धि होगी। यात्रा का योग बन सकता है जो लाभकारी सिद्ध होगा।
धनु राशि वालों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा। खासकर पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही गुप्त विद्याओं या रहस्यमयी विषयों में रुचि बढ़ सकती है।
मकर राशि के लिए यह गोचर वैवाहिक जीवन में तनाव ला सकता है। साझेदारी के कार्यों में सावधानी बरतें और किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा न करें।
कुंभ राशि के जातकों को शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा, लेकिन शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी। पुराने कर्जों से मुक्ति मिलने के योग हैं।
मीन राशि वालों को संतान से जुड़ी कोई शुभ सूचना मिल सकती है। साथ ही, शिक्षा या प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के संकेत मिल रहे हैं।
गजमुखं द्विभुजं देवा लम्बोदरं,
भालचंद्रं देवा देव गौरीशुतं ॥
गौरी के लाल सुनो,
गौरी के लाल तुमको,
सादर नमन हमारा,
गौरी के लाला हो,
मेरे घर आ जाना,