दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोने की क्यों होती है मनाही, जानें क्या कहता है शास्त्र
हम सभी जानते हैं कि अच्छी नींद के लिए सही माहौल बनाना कितना ज़रूरी है। हम आरामदायक बिस्तर, कमरे का तापमान और रोशनी जैसी चीज़ों पर ध्यान देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे सिर और पैर की दिशा भी हमारी नींद को प्रभावित कर सकती है? अक्सर हम कई तरह के उपाय करने के बाद भी अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं।
कई बार हमें नींद न आने, सिर दर्द या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हो सकता है कि इन समस्याओं का कारण आपकी सोने की दिशा भी हो। क्या आप जानना चाहेंगे कि वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने की सही दिशा कौन सी होती है? वहीं क्या आप क्या आपने अपने घर के बड़े-बुजूर्गों से भी यह कहते हुए तो सुना ही होगा कि दक्षिण दिशा में सिर रखकर मत सो। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में इन सभी जवाबों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा की ओर सोना शुभ या अशुभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोने का सबसे उत्तम तरीका है दक्षिण दिशा की ओर सिर रखकर सोना। ऐसा करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से लाभ होता है। लेकिन, इसके विपरीत दिशाओं में सोना कई तरह की समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। पूर्व या दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
विशेषकर, दक्षिण दिशा को यम और नकारात्मक शक्तियों से जोड़ा जाता है, इसलिए इस दिशा में पैर करके सोना अशुभ माना जाता है। पश्चिम या उत्तर दिशा में सिर करके सोना अनुकूल नहीं माना जाता हैं। पश्चिम दिशा में सोने से चिंता और तनाव बढ़ सकता है, जबकि उत्तर दिशा में सोने से कई तरह की शारीरिक बीमारियां हो सकती हैं।
बच्चों के लिए सोने की सही दिशा क्या है?
बचपन सीखने की उम्र का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है। इस उम्र में बच्चे आसानी से नई आदतें बना लेते हैं। दक्षिण और पूर्व दिशाएँ बच्चों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होती हैं। ये दिशाएँ न केवल बच्चों की ऊर्जा को बढ़ाती हैं बल्कि उनके मन को शांत और स्थिर भी रखती हैं।
शादीशुदा जोड़ों को किस दिशा में मुख करके सोना चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शादीशुदा जोड़ों के लिए सोने की दिशा उनके वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पूर्व, दक्षिण या पश्चिम दिशा में सिर करके सोना सबसे शुभ माना जाता है। इसलिए सोने की सही दिशा का पालन करने से आप अपने वैवाहिक जीवन को सुखमय बना सकते हैं। इन दिशाओं का पालन करते हुए आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं।
दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोने का वैज्ञानिक कारण जानें
जब हम दक्षिण दिशा में सिर करके सोते हैं, तो हमारा सिर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के उत्तरी ध्रुव की ओर होता है। यह रक्त प्रवाह को सही बनाता है और शरीर को आराम देने में मदद करता है। कुछ लोग मानते हैं कि दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से शरीर की ऊर्जा का संतुलन बना रहता है। दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से नींद में सुधार हो सकता है और मस्तिष्क को आराम मिलता है।
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई,
रंग बरसे देखो रंग बरसे,
रंग बरसे देखो रंग बरसे,
पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहार ।
पकड़ लो हाथ बनवारी,
नहीं तो डूब जाएंगे,