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नवरात्रि में कन्या पूजा करने की विधि

 नवरात्रि में कन्या पूजा करने की विधि

Navratri Kanya Puja Vidhi: शारदीय नवरात्रि पर कन्या पूजा कैसे करें? जानें पूजन विधि, सामग्री और नियम

Navratri Kanya Puja Vidhi: शारदीय नवरात्रि का पर्व हर साल आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होकर दशमी तिथि तक चलता है। इस वर्ष नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से हो चुकी है और समापन 2 अक्टूबर को दशहरा पर्व के साथ होगा। इन नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के अंतिम दिनों में कन्या पूजन का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि कन्याएं स्वयं मां दुर्गा का स्वरूप होती हैं और उनके पूजन से देवी प्रसन्न होकर भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। महाअष्टमी और महानवमी पर यह पूजन करना सबसे शुभ माना जाता है।

कन्या पूजन का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के दौरान नौ कन्याओं को पूजन के लिए बुलाया जाता है। ये कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक मानी जाती हैं। इनके साथ एक बटुक भी होना चाहिए, जो भगवान भैरव का प्रतीक माना जाता है। कन्या पूजन से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है और हर तरह की बाधाएं दूर होती हैं।

कन्या पूजन सामग्री (Kanya Puja Samagri)

  • थाली और जल पात्र
  • स्वच्छ कपड़ा या तौलिया
  • लाल चुनरी
  • कुमकुम, सिंदूर और अक्षत
  • फूल और फूलों की माला
  • दीपक, कपूर और अगरबत्ती
  • महावर या अलता
  • भोग (पूड़ी, हलवा, काले चने या गुड़-चना)
  • उपहार और दक्षिणा

कन्या पूजन विधि 

  • सबसे पहले 1 से 10 वर्ष की कन्याओं को घर आमंत्रित करें।
  • स्वच्छ आसन पर बैठाने से पहले उनके पैर धोकर सम्मानपूर्वक पोंछें।
  • कन्याओं के माथे पर कुमकुम-चावल से तिलक करें और चुनरी ओढ़ाएं।
  • माता दुर्गा का ध्यान करते हुए उन्हें भोजन कराएं। सामान्यत: पूड़ी, हलवा और चने का प्रसाद अर्पित किया जाता है।
  • भोजन के बाद कन्याओं के हाथ धुलवाएं और उन्हें उपहार तथा दक्षिणा दें।
  • अंत में कन्याओं के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है।

कन्या पूजन के नियम

  • कन्या पूजन के लिए 10 साल से अधिक आयु की कन्याओं को आमंत्रित न करें।
  • भोजन से पहले मां दुर्गा को भोग लगाना आवश्यक है।
  • कन्या पूजन सदैव शुद्ध मन और श्रद्धा से करना चाहिए।
  • कन्याओं के लिए स्थान, भोजन और वातावरण पूरी तरह स्वच्छ होना चाहिए।

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