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सावन का दूसरा सोमवार कब है

सावन का दूसरा सोमवार कब है

Sawan Dusra Somwar 2025: इस दिन पड़ेगा सावन का दूसरा सोमवार, इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का सबसे प्रिय समय होता है। इस महीने में भक्त पूरे श्रद्धा और आस्था से भोलेनाथ की पूजा करते हैं। सावन में सोमवार का दिन शिव भक्ति के लिए विशेष महत्व रखता है। साल 2025 में सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को पड़ेगा। यह दिन उन भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है जो शिवजी से कृपा की कामना करते हैं।

शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:17 से 4:59 तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:55 तक
  • अमृत काल: सुबह 6:17 से 7:50 तक

पूजन विधि और व्रत के नियम

दूसरे सोमवार के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और शांत मन से पूजा की तैयारी करें। शिवलिंग पर जल, दूध या पंचामृत से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल, भस्म, चंदन और अक्षत अर्पित करें। ‘ॐ नमः शिवाय’ या ‘महामृत्युंजय मंत्र’ का जप करें। शिव पुराण से जुड़ी कथाएं पढ़ें या श्रवण करें। व्रत के दौरान सात्विक भोजन करें और क्रोध, बुरे विचारों व तामसिक आचरण से बचें।

पौराणिक मान्यताएं

माता पार्वती की तपस्या से जुड़ा प्रसंग बहुत प्रसिद्ध है। उन्होंने शिवजी को पति रूप में पाने के लिए वर्षों तक वन में कठोर तप किया और विशेष रूप से सावन के सोमवारों को व्रत रखा। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी बनाया। इसी कारण यह व्रत कुंवारी कन्याओं के लिए विशेष रूप से फलदायी माना जाता है।

एक अन्य कथा के अनुसार, चंद्र देव जब श्रापवश तेजहीन हो गए थे, तब उन्होंने शिवजी की भक्ति कर उनका आशीर्वाद पाया और शिवजी ने उन्हें अपने मस्तक पर स्थान दिया। इसलिए सोमवार और चंद्रमा का गहरा संबंध माना गया है, जिससे यह दिन मानसिक शांति और संतुलन के लिए उत्तम है।

व्रत करने के लाभ

  • शिव कृपा: जो भी श्रद्धा और नियम से व्रत करता है, उस पर शिवजी की विशेष कृपा होती है।
  • श्रेष्ठ जीवनसाथी की प्राप्ति: विशेषकर अविवाहित लड़कियों को योग्य वर मिलता है।
  • वैवाहिक जीवन में सुख और सामंजस्य: विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत गृहस्थ जीवन को सौहार्दपूर्ण बनाता है।
  • संतान सुख: जिन दंपत्तियों को संतान की इच्छा हो, उनके लिए भी यह व्रत लाभकारी माना गया है।
  • मानसिक शांति और आत्मबल: शिवजी की पूजा से तनाव दूर होता है और मन स्थिर रहता है।

क्या खाएं और किन चीजों से बचें

  • व्रत में खाएं – फल (सेब, केला, पपीता आदि), दूध, दही, छाछ, मखाने, सूखे मेवे, साबूदाना की खिचड़ी या खीर।
  • इनसे परहेज करें – गेहूं, चावल, रोटी, प्याज-लहसुन, मांसाहार, साधारण नमक, मैदा और बेसन से बनी चीजें। केवल सेंधा नमक का प्रयोग करें।

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