हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का सबसे पवित्र समय होता है। इस महीने के प्रत्येक सोमवार का विशेष महत्व है, लेकिन चौथा और अंतिम सोमवार खास इसलिए होता है क्योंकि यह पूरे सावन की भक्ति यात्रा का अंतिम चरण होता है। 2025 में सावन का अंतिम सोमवार 4 अगस्त को पड़ेगा। यह दिन शिवभक्तों के लिए विशेष फल देने वाला माना जाता है।
सावन का चौथा सोमवार 4 अगस्त को शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर पड़ेगा। दशमी तिथि 3 अगस्त की सुबह 9:42 से शुरू होकर 4 अगस्त की सुबह 11:41 तक रहेगी।
पूरे दिन को ही शुभ माना गया है, लेकिन प्रदोष काल में पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
यह सोमवार पूरे सावन में की गई पूजा और तपस्या के पूर्ण फल का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। यह दिन विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में सामंजस्य, संतान सुख, रोगों से मुक्ति और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा दिलाने वाला माना जाता है।
क्या खाएं
क्या न खाएं
वेंकटेश्वर भगवान को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। तिरुमाला के वेंकटेश्वर मंदिर में उनकी मूर्ति स्थापित है, जो विश्व के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
मेरे मिथिला देश में, आओ दूल्हा भेष ।
ताते यही उपासना, चाहिए हमें हमेशा ॥
सो सतगुरु प्यारा मेरे नाल है,
जिथे किथे मैनु लै छडाई
सोचा नहीं जो ख्वाब में,
उतना हमें मिला,