श्रावण मास को शिव आराधना का सबसे पवित्र समय माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में श्रावण माह की शुरुआत 11 जुलाई, शुक्रवार से हो रही है और समापन 9 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ होगा। इस पूरे महीने शिवभक्त व्रत, पूजा और उपवास के माध्यम से भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि सावन में की गई शिवभक्ति से हर मनोकामना पूरी होती है।
श्रावण में सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे बड़ा साधन माना गया है। इस साल सावन के चार सोमवार इस प्रकार पड़ेंगे:
भक्त इन दिनों शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और भस्म अर्पित करते हैं। जो श्रद्धालु 16 सोमवार व्रत की शुरुआत करना चाहते हैं, उनके लिए सावन श्रेष्ठ समय है।
श्रावण के मंगलवार को किया जाने वाला यह व्रत माता गौरी को समर्पित होता है। विवाहित स्त्रियां पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए यह व्रत करती हैं।
इस दिन महिलाएं विधिपूर्वक श्रृंगार करती हैं और गौरी माता का पूजन कर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।
23 जुलाई को सावन की शिवरात्रि है। यह दिन रात्रि में जागरण, शिव अभिषेक, मंत्र जाप और व्रत के लिए अति पुण्यदायी है। इसी दिन कांवड़ यात्रा का जल चढ़ाया जाता है और शिवभक्त महादेव के दर्शन के लिए मंदिरों में उमड़ते हैं।
24 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। यह प्रकृति पूजन और पितृ कार्यों का दिन होता है। 27 जुलाई को हरियाली तीज का पर्व है। इस दिन विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु और सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। झूले, गीत-संगीत और श्रृंगार इस दिन का विशेष अंग होते हैं।
29 जुलाई को नाग पंचमी है। इस दिन नाग देवता की पूजा कर उन्हें दूध, लड्डू और फूल अर्पित किए जाते हैं। यह पर्व विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
धूप समय की लाख सताए मुझ में हिम्मत बाकी है।
मेरा सर ढकने को माई तेरी चूनर काफ़ी है।
लगन लागी तोसे मोरी मैय्या,
मिलन की लगन तोसे लागी मां।
लेके पूजा की थाली, ज्योत मन की जगा ली
तेरी आरती उतारूँ, भोली माँ
तू जो दे-दे सहारा, सुख जीवन का सारा
तेरे चरणों पे वारूँ, भोली माँ
सुनो सुनो, सुनो सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो
सुनो सुनो एक कहानी सुनो