मेरे मिथिला देश में, आओ दूल्हा भेष ।
ताते यही उपासना, चाहिए हमें हमेशा ॥
सियारानी का अचल सुहाग रहे ।
मैया रानी का अचल सुहाग रहे ।
राजा राम जी के सिर पर ताज रहे ॥
जब तक पृथ्वी अहिषीश रहे ।
नभ में शशि सूर्य प्रकाश रहे ।
गंगा जमुना की धार रहे ।
तब तक यह बानक बना रहे ॥
॥ सियारानी का अचल सुहाग रहे...॥
ये बना रहें वे बनीं रहें ।
नित बना बनीं में बनीं रहें ॥
अविचल श्री अवध का राज रहे ।
अविरल श्री सरयू की धार बहे ।
॥ सियारानी का अचल सुहाग रहे...॥
प्रेमीजन का बरभाग रहे ।
चरणों में नित अनुराग रहे ॥
ये सुहाग रहे सिरताज रहे ।
नित नित यह बानक बना रहे ॥
॥ सियारानी का अचल सुहाग रहे...॥
सियारानी का अचल सुहाग रहे ।
मैया रानी का अचल सुहाग रहे ।
राजा राम जी के सिर पर ताज रहे ॥
भारतीय संस्कृति में शुभ मुहूर्त का महत्व सदियों से जारी है। चाहे वह शादी-विवाह हो, मुंडन, अन्य अनुष्ठान, या फिर संपत्ति की खरीदारी, शुभ मुहूर्त का पालन करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है।
वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण काम होता है जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है।
सनातन धर्म में शुभ कार्यों की शुरुआत करने से पहले शुभ तिथि और मुहूर्त का महत्व बहुत अधिक है। यह मान्यता है कि शुभ तिथि और मुहूर्त में किया गया कार्य अवश्य सफल होता है।
महाकुंभ के तट पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है। हर बार की तरह इस बार भी नागा साधु महाकुंभ में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। नागा साधु के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन क्या आप नागिन साध्वी के बारे में जानते हैं? नागिन साध्वी, यानी महिला नागा साधु, गृहस्थ जीवन से पूर्णतः दूर हो चुकी होती हैं।