राम से बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए,
बनेंगे बिगड़े सारे काम रे प्राणी,
उद्धार हो जाए,
राम सें बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए ॥
उल्टा नाम जपत जग जाना,
वाल्मीकि भए ब्रम्ह समाना,
की धुल गए उनके पाप तमाम,
परम पद अंत में पाए,
राम सें बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए ॥
सुमिरि पवनसुत पावन नामा,
अपने वश करी राखेउँ रामा,
है उनके दिल में बसे श्री राम,
वो सीना फाड़ दिखलाए,
राम सें बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए ॥
कौशल्या माँ ध्यान लगाई,
पुत्र रूप में राम को पाई,
अवध में जनम लिए श्री राम,
जो पावन धाम कहलाए,
राम सें बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए ॥
पाप और पापी से हारे,
धरती से जब संत पुकारे,
राम किए असुरों का संहार,
धरम ध्वज आके लहराए,
राम सें बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए ॥
जनम लेत तुलसी बोले राम,
रामबोला पड़ा उनका नाम,
अंत में दरश दिए श्री राम,
रामायण उनसे लिखवाए,
राम सें बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए ॥
राम नाम पत्थर तैराए,
सागर पे सेतु बंधवाए,
शिला पे लिख दिया श्रीराम,
वो पत्थर डूब ना पाए,
राम सें बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए ॥
शबरी बैठी आस लगाए,
कुटिया में प्रभु राम जी आए,
भगत के वश में हुए भगवान,
वो झूठे बेर भी खाए,
राम सें बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए ॥
राम से बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए,
बनेंगे बिगड़े सारे काम रे प्राणी,
उद्धार हो जाए,
राम सें बड़ा राम का नाम,
जो सुमिरे भव पार हो जाए ॥
पापमोचनी एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और शास्त्रों के अनुसार, इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला बताया गया है।
रंग पंचमी 2025 इस वर्ष 21 मार्च को मनाई जाएगी। यह पर्व होली के पांचवें दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को आता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी का दिन देवी-देवताओं को समर्पित होता है और इस दिन वे भी गीले रंगों से होली खेलते हैं।
पापमोचनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह एकादशी चैत्र मास के कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है।
रंग पंचमी हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है और इसे होली के पांचवें दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवता पृथ्वी पर आकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।