शिवरात्रि का त्यौहार है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
कोई फल और फूल चढ़ावे,
कोई बेल और पाती है,
कोई बेल और पाती है,
एक लोटे जल से ही,
खुश हो जाते ये कैलाशी है,
खुश हो जाते कैलाशी है,
करते सब उद्धार है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
तीन लोक के स्वामी बाबा,
शिव शंकर कैलाशी है,
शिव शंकर कैलाशी है,
पीकर के भंगिया रहता,
अपनी धुन में अविनाशी है,
अपनी धुन में अविनाशी है,
सर पे गंगा का भार है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
मस्तक ऊपर चंद्र विराजे,
पहने सर्पो की माला है,
पहने सर्पो की माला है,
जटा में जिनकी गंग विराजे,
रूप बड़ा विकराला है,
रूप बड़ा विकराला है,
नंदी पर सवार है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
जटा जुट धारी भंडारी,
शिव शंकर भगवान है,
शिव शंकर भगवान है,
तुमसा ना प्रभु कोई दानी,
लीला तेरी महान है,
लीला तेरी महान है,
देवों में देव महान है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
शिवरात्रि का त्यौहार है,
शिव शंकर का वार है,
बम भोले का वार है,
शिव शंकर को भजले प्यारे,
करते बेड़ा पार है,
शिवरात्रि का त्यौहार है ॥
इस साल, 13 जनवरी से 27 फरवरी तक प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु और साधु-संत संगम के तट पर एकत्रित होंगे, जहां पवित्र गंगा, यमुना और संगम के जल में स्नान करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
महाकुंभ का मेला हर बार अपार श्रद्धा और धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता है। विशेष पुण्य और आशीर्वाद की प्राप्ति के साथ, यह स्नान जीवन को नई दिशा और शांति प्रदान करता है।
अब वह समय नजदीक है, जब प्रयागराज के संगम तट पर बड़े-बड़े तंबू, नागा साधुओं की भीड़, चिलम सुलगाते बाबा और जटाएं लहराते संतों के संग सैकड़ों श्रद्धालु डुबकी लगाते दिखाई देंगे। यह दृश्य लगभग 13 जनवरी से देखने को मिलेगा, जब महाकुंभ मेला शुरू होगा।
महाकुंभ हिंदू धर्म के सबसे बड़े समागमों में से एक है। 13 फरवरी से प्रयागराज में इसकी शुरुआत होने जा रही है। ये 45 दिनों तक चलेगा और 26 फरवरी को शिवरात्रि के मौके पर खत्म होगा।