दिसंबर माह के व्रत, त्योहार

दिसंबर महीने में पड़ेंगे कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार, जानें कब लगेगा खरमास 



दिसंबर माह वर्ष का अंतिम महीना होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने मार्गशीर्ष और पौष के कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। इनमें से कुछ पर्व धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़े हैं, जबकि कुछ सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इस महीने की शुरुआत मार्गशीर्ष अमावस्या से होगी, जो स्नान और दान के लिए विशेष महत्व रखती है। इसके बाद विवाह पंचमी, मोक्षदा एकादशी, सफला एकादशी, अन्नपूर्णा जयंती, और क्रिसमस जैसे प्रमुख पर्व और त्योहार इस महीने को खास बनाएंगे। आइए जानते हैं दिसंबर 2024 में आने वाले व्रत और त्योहारों की पूरी जानकारी।


दिसंबर 2024 व्रत और त्योहारों की सूची


  • 1 दिसंबर, 2024- मार्गशीर्ष अमावस्या
मार्गशीर्ष अमावस्या को दान और स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके दान-पुण्य करने से शुभ फल प्राप्त होता है।

  • 6 दिसंबर, 2024- विवाह पंचमी
विवाह पंचमी का पर्व भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसे विवाह के शुभ योगों में से एक माना जाता है।

  • 7 दिसंबर, 2024- चंपा षष्ठी
यह पर्व भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन व्रत रखने और भगवान कार्तिकेय की आराधना करने से विशेष फल मिलता है।

  • 8 दिसंबर, 2024- भानु सप्तमी
भानु सप्तमी सूर्य देवता को समर्पित दिन है। इस दिन उपासना करने से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

  • 11 दिसंबर, 2024- मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी को पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति का दिन माना जाता है। इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है, जो भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता उपदेश देने की तिथि है।

  • 12 दिसंबर, 2024- मत्स्य द्वादशी
मत्स्य द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की पूजा की जाती है। इस दिन एकादशी व्रत का पारण भी किया जाता है।

  • 13 दिसंबर, 2024- प्रदोष व्रत और अनंग त्रयोदशी
यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। अनंग त्रयोदशी के दिन व्रत करने से विवाह और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

  • 14 दिसंबर, 2024- दत्तात्रेय जयंती
यह पर्व भगवान दत्तात्रेय के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनकी पूजा से आध्यात्मिक उन्नति और सुख-शांति प्राप्त होती है।

  • 15 दिसंबर, 2024- अन्नपूर्णा जयंती और मार्गशीर्ष पूर्णिमा
इस दिन माता अन्नपूर्णा की पूजा होती है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन व्रत और स्नान का महत्व है।

  • 18 दिसंबर, 2024- गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यह दिन विशेष रूप से संकटों से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण है।

  • 23 दिसंबर, 2024- रुक्मणी अष्टमी
रुक्मिणी अष्टमी भगवान कृष्ण की पत्नी रुक्मिणी को समर्पित है।

  • 25 दिसंबर, 2024- क्रिसमस
क्रिसमस ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है, जो ईसा मसीह के जन्म का उत्सव है।

  • 26 दिसंबर, 2024- सफला एकादशी
सफला एकादशी को पापों से मुक्ति और सफलता प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

  • 30 दिसंबर, 2024- पौष अमावस्या और हनुमान जयंती
पौष अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण और दान का विशेष महत्व है।

दिसंबर में ग्रह गोचर और खरमास का प्रारंभ


  • 2 दिसंबर, 2024: शुक्र का मकर राशि में गोचर
  • 7 दिसंबर, 2024: मंगल का कर्क राशि में प्रवेश
  • 15 दिसंबर, 2024: सूर्य का धनु राशि में गोचर और खरमास का आरंभ

कब से लग रहा खरमास? 


दिसंबर 2024 का यह महीना धार्मिक अनुष्ठानों और सांस्कृतिक त्योहारों से भी परिपूर्ण रहेगा। आप इन तिथियों को ध्यान में रखते हुए अपनी योजना बना सकते हैं। हालांकि, खरमास के दौरान सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश इत्यादि वर्जित रहते हैं। यह स्थिति 15 जनवरी, 2025 को मकर संक्रांति तक बनी रहेगी। 

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भगवान श्री चित्रगुप्त जी की आरती (Bhagwan Shri Chitragupta Ji Ki Aarti)

ॐ जय चित्रगुप्त हरे, स्वामी जय चित्रगुप्त हरे ।
भक्तजनों के इच्छित, फलको पूर्ण करे॥

अन्वधान और इष्टी क्या है

भारत के त्योहार और अनुष्ठान वैदिक परंपराओं में गहराई से निहित हैं। इसमें से अन्वधान और इष्टि का विशेष महत्व है। ये अनुष्ठान कृषि चक्रों और आध्यात्मिक कायाकल्प के साथ जुड़े होते हैं।

दुर्गा पूजा पुष्पांजली

प्रथम पुष्पांजली मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी ।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥ Pratham Puspanjali Mantra
om jayanti, mangla, kali, bhadrakali, kapalini .
durga, shiva, kshama, dhatri, svahaa, svadha namo̕stu te॥
esh sachandan gandh pusp bilva patranjali om hrim durgaye namah॥

जगन्नाथ भगवान जी का भजन (Jagannath Bhagwan Ji Ka Bhajan)

चारों धाम में सबसे बड़ा है ,जगन्नाथ धाम
जगन्नाथ भगवान की, महिमा अपरम्पार

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