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सावन का तीसरा सोमवार कब है

सावन का तीसरा सोमवार कब है

Sawan Teesra Somwar 2025: इस दिन पड़ रहा है सावन का तीसरा सोमवार, इन 9 मुहूर्त में कर सकते हैं पूजा; जानें व्रत के नियम

सावन का महीना शिव भक्ति का सबसे पावन समय माना जाता है। पूरे महीने भक्त भगवान भोलेनाथ की आराधना में लीन रहते हैं। सावन के हर सोमवार का विशेष महत्व है, लेकिन तीसरे सोमवार को और भी खास माना जाता है। 2025 में सावन का तीसरा सोमवार 28 जुलाई को पड़ेगा। यह दिन शिवभक्तों के लिए विशेष फल देने वाला माना जाता है।

2025 में तीसरे सोमवार की तिथि और शुभ मुहूर्त

सावन का तीसरा सोमवार इस बार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन पड़ रहा है। चतुर्थी तिथि 27 जुलाई की रात 10 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 28 जुलाई की रात 11 बजकर 24 मिनट तक रहेगी। इस दिन कई शुभ मुहूर्त हैं जिनमें भक्त पूजा कर सकते हैं।

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:17 से 4:59 तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00 से 12:55 तक और अमृत काल सुबह 10:52 से दोपहर 12:33 तक रहेगा। गोधूलि व सायं कालीन पूजा के लिए शाम 7:15 से 8:17 बजे तक का समय भी उपयुक्त माना गया है।

पूजा विधि

इस दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर या किसी शिवालय में जाकर शिवलिंग की स्थापना करें। सबसे पहले जल से अभिषेक करें और फिर दूध, दही, घी, शहद व गंगाजल से पंचामृत तैयार कर अभिषेक करें। इसके बाद साफ जल से स्नान कराएं।

भगवान को बेलपत्र, धतूरा, भांग, शमीपत्र, सफेद फूल, चंदन, रोली, मौसमी फल अर्पित करें। 'ॐ नमः शिवाय' या 'महामृत्युंजय मंत्र' का 108 बार जाप करें। अंत में शिव-पार्वती की आरती करें और पूजा में हुई त्रुटियों के लिए क्षमा याचना करें।

तीसरे सोमवार का महत्व

मान्यता है कि सावन के तीसरे सोमवार को माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या पूर्ण की थी। इसलिए यह दिन अविवाहितों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन व्रत करने से योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।

यह सोमवार शिवभक्तों को न केवल भौतिक सुख, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक लाभ भी देता है। दांपत्य जीवन में प्रेम, समझ और स्थिरता बढ़ती है। यह व्रत संतान की प्राप्ति और रोगों से मुक्ति के लिए भी किया जाता है।

व्रत के नियम

व्रतधारी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। किसी के प्रति द्वेष या नकारात्मक विचार न रखें। प्याज, लहसुन और मांसाहार से दूर रहें। दिन में एक बार सात्विक भोजन करें और केवल सेंधा नमक का ही प्रयोग करें। पूजा में स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखें।

क्या खाएं और क्या नहीं

व्रत में फल, दूध, दही, मखाना, बादाम, साबूदाना की खिचड़ी, सिंघाड़े या कुट्टू के आटे से बनी चीजें खाई जा सकती हैं। उबले आलू, शकरकंद और छाछ भी सेवन योग्य हैं। सामान्य नमक, चावल, गेहूं, प्याज, लहसुन, तला हुआ भोजन और नशा करने वाली चीजें वर्जित हैं।

व्रत के लाभ

शिव कृपा शीघ्र प्राप्त होती है। योग्य जीवनसाथी मिलता है। वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है। संतान की प्राप्ति होती है। मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से सशक्त होता है। सावन का यह सोमवार भक्तों के लिए एक दुर्लभ अवसर है, जब शिवजी की आराधना से जीवन के सारे कष्ट दूर किए जा सकते हैं।

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