Logo

होली भाई दूज की कथा

होली भाई दूज की कथा

Holi Bhai Dooj Katha: होली के बाद क्यों मनाई जाती है भाई दूज, भविष्य पुराण में मिलती है इससे जुड़ी कथा 


सनातन धर्म में भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए कई उत्सव मनाए जाते हैं। इन्हीं में से एक है होली भाई दूज, जिसे "यम द्वितीया" भी कहा जाता है। यह पर्व होली के बाद द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए दीर्घायु, सुख और समृद्धि की मनोकामना करती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल होली भाई दूज 16 मार्च को मनाई जाएगी।


क्यों मनाते हैं होली भाई दूज


यह त्योहार विशेष रूप से भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। इस त्योहार में बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और खुशहाली की प्रार्थना करती हैं, तथा भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए यमराज की पूजा भी करती हैं।


होली भाई दूज की पौराणिक कथा


होली भाई दूज की कथा का उल्लेख "भविष्य पुराण" के यम द्वितीया व्रत कथा अध्याय में किया गया है। पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार यमराज अपनी बहन यमुना जी से मिलने उनके घर गए थे। तब यमुना जी ने उन्हें तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की और आदरपूर्वक भोजन कराया। इससे प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना जी से वर मांगने को कहा। तब यमुना जी ने यह वरदान मांगा कि इस दिन जो भी बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर भोजन कराएंगी, उनके भाइयों को यमलोक नहीं जाना पड़ेगा और उन्हें लंबी आयु भी प्राप्त होगी। यमराज ने इस इच्छा को स्वीकार किया और तब से यम द्वितीया, होली भाई दूज के नाम से मनाया जाने लगा।

इसके अलावा, निरनायक पंचांग और धर्मसिंधु जैसे पुराने ग्रंथों में भी यम द्वितीया व्रत का वर्णन किया गया है, जिसे कई स्थानों पर होली भाई दूज के रूप में मनाया जाता है।


होली भाई दूज का महत्व


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन बहन द्वारा भाई को तिलक करने से भाई को अकाल मृत्यु और सभी प्रकार की विपत्ति से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि यमराज की विशेष कृपा से भाई के जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और वह जीवनभर खुश और सुरक्षित रहता है।


........................................................................................................
राम कहने से तर जाएगा (Ram Kahne Se Tar Jayega Par Bhav Se Utar Jayega)

राम कहने से तर जाएगा,
पार भव से उतर जायेगा।

राम कथा सुनकर जाना (Ram Katha Sunkar Jana)

जीवन का निष्कर्ष यही है,
प्रभु प्रेम में लग जाना,

राम के दुलारे, माता जानकी के प्यारे(Ram Ke Dulare, Mata Janki Ke Pyare)

जय सियाराम, बोलो जय सियाराम
जय सियाराम, बोलो जय सियाराम

राम के नाम का झंडा लेहरा है (Ram Ke Nam Ka Jhanda Lehra Hai)

राम के नाम का झंडा लहरा है ये लहरे गा
ये त्रेता में फहरा है कलयुग में भी फहरे गा ।

यह भी जाने
HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang