Aaj Ka Panchang: आज 11 जुलाई 2025 का शुभ मुहूर्त, राहुकाल का समय, आज की तिथि और ग्रह
Aaj Ka Panchang 11 July 2025: आज 11 जुलाई 2025 को श्रावण माह का पहला दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, श्रावण माह के कृष्ण पक्ष तिथि प्रतिपदा है। आज शुक्रवार का दिन है। सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा 12:08 पी एम बजे तक धनु राशि में रहेंगे। इसके बाद मकर राशि में गोचर करेंगे। आपको बता दें, आज शुक्रवार के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:59 ए एम से 12:54 पी एम बजे तक रहेगा। इस दिन राहुकाल 10:43 ए एम से 12:27 पी एम बजे तक रहेगा। आज वार के हिसाब से आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। खास बात ये है कि आज से श्रावण मास की शुरूआत हो रही है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है।
आज का पंचांग 11 जुलाई 2025
- तिथि - प्रतिपदा
- नक्षत्र - पूर्वाषाढ़ा
- दिन/वार- शुक्रवार
- योग - वैधृति
- करण - बालव और कौलव
श्रावण शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 02:06 ए एम, जुलाई 11
श्रावण शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि समाप्त - 02:08 ए एम, जुलाई 12
सूर्य-चंद्र गोचर
- सूर्य - मिथुन
- चंद्र - चंद्रमा 12:08 पी एम बजे तक धनु राशि में रहेंगे। इसके बाद मकर राशि में गोचर करेंगे।
सूर्य और चंद्रमा का मुहूर्त
- सूर्योदय - 05:31 ए एम
- सूर्यास्त - 07:22 पी एम
- चन्द्रोदय - 08:05 पी एम
- चन्द्रास्त - 05:35 ए एम
आज का शुभ मुहूर्त और योग 11 जुलाई 2025
- ब्रह्म मुहूर्त - 04:10 ए एम से 04:51 ए एम
- अभिजीत मुहूर्त - 11:59 ए एम से 12:54 पी एम
- विजय मुहूर्त - 02:45 पी एम से 03:40 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त - 07:21 पी एम से 07:41 पी एम
- संध्या मुहूर्त - 07:22 पी एम से 08:23 पी एम
आज का अशुभ मुहूर्त 11 जुलाई 2025
- राहु काल - 10:43 ए एम से 12:27 पी एम
- गुलिक काल - 07:15 ए एम से 08:59 ए एम
- यमगंड - 03:54 पी एम से 05:38 पी एम
- दिशाशूल - पश्चिम, इस दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए।
- वर्ज्य - 02:09 पी एम से 03:48 पी एम
- आडल योग - 05:31 ए एम से 05:56 ए एम
11 जुलाई 2025 पर्व/त्योहार/व्रत
- शुक्रवार का व्रत - आज आप शुक्रवार का व्रत रख सकते हैं, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है।
- श्रावण मास प्रारंभ- हिन्दु कैलेण्डर में श्रावण मास एक शुभ महीना है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। श्रावण मास की गणना को लेकर विवाद है, जिसमें पूर्णिमान्त और अमान्त चक्र का पालन किया जाता है। उत्तर भारत में पूर्णिमान्त चक्र का पालन किया जाता है, लेकिन धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अमान्त चक्र अधिक उपयुक्त माना जाता है। अमान्त चक्र में चन्द्र वर्ष मीन संक्रान्ति के बाद और मेष संक्रान्ति से पहले प्रारंभ होता है, जो इसे अधिक तर्कसंगत बनाता है। ज्योतिषीय रूप से भी अधिकांश पुस्तकें अमान्त चक्र को मानती हैं। श्रावण मास के दौरान प्रत्येक तिथि को उपवास और पूजा अनुष्ठान करना शुभ माना जाता है, और इस मास में प्रत्येक चन्द्र दिवस को कुछ न कुछ व्रत और पूजा के लिए चिह्नित किया गया है।
11 जुलाई 2025/आज के उपाय
- शुक्रवार के उपाय - शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी और शुक्र ग्रह की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन सफेद वस्त्र पहनना, सफेद भोजन करना और देवी लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है। शुक्रवार के उपायों में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए सफेद रंग की वस्तुओं का दान करना भी शामिल है, जैसे कि दूध, दही, चावल और सफेद वस्त्र। इन उपायों को करने से शुक्र ग्रह की स्थिति में सुधार होता है और जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
- श्रावण मास के उपाय - श्रावण मास में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस मास में शिवलिंग पर जल चढ़ाना, बिल्व पत्र अर्पित करना और रुद्राभिषेक करना शुभ माना जाता है। श्रावण मास के उपायों में व्रत रखना, शिव मंत्रों का जाप करना और भगवान शिव की आराधना करना शामिल है। इन उपायों को करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। श्रावण मास में सोमवार का विशेष महत्व है, जिसमें भगवान शिव की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष महीने को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना माना गया है। ऐसे में इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा का महत्व कई गुना अधिक है। इसे मार्गशीर्ष पूर्णिमा कहा जाता है, जो इस साल 15 दिसंबर को है।
पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी होती है। हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
साल 2024 की आखिरी संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लाखों भक्त पुरे विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं।