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गर्भाधान संस्कार मुहूर्त जुलाई 2025

गर्भाधान संस्कार मुहूर्त जुलाई 2025

July 2025 Garbhadhan Muhurat: जुलाई 2025 के लिए उत्तम गर्भाधान संस्कार मुहूर्त, ये तिथि और नक्षत्र माने जाते है सबसे शुभ 

हिंदू धर्म में जीवन की हर महत्वपूर्ण अवस्था को संस्कारों के माध्यम से पवित्र और शुभ बनाने की परंपरा रही है। इन्हीं सोलह प्रमुख संस्कारों की श्रृंखला की शुरुआत होती है — गर्भाधान संस्कार से। इसे केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि भावी संतान के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास की नींव माना गया है। 

गर्भाधान संस्कार का उद्देश्य होता है श्रेष्ठ, संस्कारी और तेजस्वी संतान की प्राप्ति। शास्त्रों के अनुसार, संतान के जन्म से पहले ही माता-पिता यदि निश्चित नियमों, विचारों और शुभ मुहूर्त का पालन करते हैं, तो वह संतान केवल परिवार के लिए नहीं, बल्कि समाज के लिए भी वरदान बन सकती है। यही कारण है कि गर्भाधान केवल एक शारीरिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक दिव्य आरंभ माना गया है। इस संस्कार के पीछे यह भी मान्यता है कि गर्भस्थ शिशु पर वातावरण, विचार, ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों का गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए उचित समय और नक्षत्र का चयन गर्भाधान के समय बेहद महत्वपूर्ण होता है।यदि आप जुलाई 2025 में गर्भाधान संस्कार की योजना बना रहे हैं, तो जानिए वह शुभ तिथियां और नक्षत्र, जिन्हें शास्त्रों में श्रेष्ठ माना गया है।

जुलाई 2025 के लिए गर्भाधान संस्कार मुहूर्त

2 जुलाई 2025 को दो शुभ समय उपलब्ध हैं:

  • पहला मुहूर्त 6:34 AM से 8:55 AM तक है, जो उत्तरा फाल्गुनी और हस्ता नक्षत्र के संधिकाल में आता है।
  • दूसरा मुहूर्त 11:12 AM से 11:58 AM तक है, जब हस्ता नक्षत्र प्रभावी होता है।

4 जुलाई 2025 को शाम के दो सुंदर मुहूर्त हैं:

  • पहला समय 4:31 PM से 5:58 PM तक है, जिसमें चित्रा नक्षत्र होता है।
  • दूसरा मुहूर्त 5:58 PM से 8:02 PM तक है, जिसमें स्वाति नक्षत्र का आरंभ हो जाता है।

5 जुलाई 2025 को रात्रि का विशेष मुहूर्त है 

  • 2:12AM से 4:08 AM तक। यह समय स्वाति से विशाखा नक्षत्र में संक्रमण का होता है, जो गर्भाधान जैसे पवित्र कर्म के लिए उपयुक्त माना गया है।

7 जुलाई 2025 को पूरे दिन कई छोटे-छोटे शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं:

6:15 AM से 7:14 AM

7:14 AM से 8:35 AM

10:52 AM से 1:09 PM

1:09 PM से 3:28 PM

3:28 PM से 5:47 PM

5:47 PM से 7:51 PM

ये सभी समय अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्रों के अंतर्गत आते हैं, जो संतान सुख से जुड़े कार्यों के लिए अनुकूल माने जाते हैं।

12 जुलाई 2025 को अलसुबह 1:45 AM से 3:40 AM तक एक संक्षिप्त लेकिन शुभ मुहूर्त है, जिसमें उत्तरा आषाढ़ा नक्षत्र प्रभावी होता है।

15 जुलाई 2025 को भी रात्रि का समय शुभ है — 1:33 AM से 3:29 AM तक, जब शतभिषा नक्षत्र होता है।

21 जुलाई 2025 को दोपहर के समय ये तीन मुहूर्त मिलते हैं:

1:13 PM से 2:04 PM

3:11 PM से 4:52 PM

4:52 PM से 6:56 PM

ये समय रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्रों के अंतर्गत आते हैं।

22 जुलाई 2025 को तड़के दो मुहूर्त हैं:

1:05 AM से 2:41 AM

3:48 AM से 5:16 AM

यह दिन मृगशिरा नक्षत्र में आता है, जो गर्भाधान संस्कार के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

25 जुलाई 2025 को दोपहर में ये तीन मुहूर्त हैं:

11:58 AM से 12:28 PM

12:28 PM से 2:17 PM

2:17 PM से 4:00 PM

यह समय पुष्य और अश्लेषा नक्षत्रों के प्रभाव में होता है।

29 जुलाई 2025 को रात्रि व तड़के के बीच:

12:38 AM से 1:47 AM

3:04 AM से 4:48 AM

यह समय उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में आता है।

31 जुलाई 2025 को सबसे ज़्यादा मुहूर्त उपलब्ध हैं:

2:41 AM से 4:40 AM

11:34 AM से 1:54 PM

1:54 PM से 2:09 PM

2:09 PM से 3:50 PM

3:50 PM से 4:12 PM

4:12 PM से 6:16 PM

यह दिन चित्रा और स्वाति नक्षत्र के प्रभाव में है, जो गर्भाधान जैसे शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने जाते हैं।

गर्भाधान संस्कार के लिए शुभ नक्षत्र

गर्भाधान संस्कार के लिए कई नक्षत्र शुभ माने जाते हैं, जिनमें कुछ प्रमुख नक्षत्र है- रोहिणी (4), उत्तराफाल्गुनी (12), उत्तराषाढा (21), उत्तर भाद्रपद (26), चल नक्षत्र, स्वाती (15), श्रवण (22), धनिष्ठा (23), शतभिषा (24), सौम्य और मैत्रीपूर्ण नक्षत्र, मृगशिरा (5), अनुराधा (17) और लघु नक्षत्र, हस्त (13) गर्भाधान के लिये शुभ माने जाते हैं। बता दें कि गर्भाधान के लिये अश्विनी (1), पुष्य (8), पुनर्वसु (7) और चित्रा (14) नक्षत्रों को मध्यम माना जाता है।

गर्भाधान संस्कार के लिए शुभ दिन 

गर्भाधान संस्कार के लिये सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को शुभ माना जाता है।

गर्भाधान संस्कार के लिए शुभ तिथि 

गर्भाधान संस्कार के लिए कई तिथियां शुभ मानी जाती है, जिनमें शुक्ल प्रतिपदा (1), शुक्ल द्वितीया (2), शुक्ल तृतीया (3), शुक्ल पञ्चमी (5), शुक्ल सप्तमी (7), शुक्ल दशमी (10), शुक्ल द्वादशी (12), शुक्ल त्रयोदशी (13), कृष्ण प्रतिपदा (16), कृष्ण द्वितीया (17), कृष्ण तृतीया (18), कृष्ण पञ्चमी (20), कृष्ण सप्तमी (22), कृष्ण दशमी (25), कृष्ण द्वादशी (27), कृष्ण त्रयोदशी (28) तिथियां शामिल है। 

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